बिलासपुर– मस्तूरी थाना क्षेत्र के सोन लोहर्सी के एक किसान ने अपने ही खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। सूत्रों की माने तो किसान इस साल फसल नहीं होने के कारण हताश और परेशान था। जिसके चलते उसने फांसी लगाने जैसा कदम उठाया। मामले में मस्तूरी पुलिस मर्ग कायम शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है।मालूम हो कि एक सप्ताह पहले ही मस्तूरी के बेलटुकरी में एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या की ली थी।
सरकार चाहे जितने भी दावे कर ले लेकिन छत्तीसगढ़ में सूखे से परेशान किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।आज मस्तूरी के सोन लोहर्सी निवासी परदेशी गंधर्व ने फसल खराब होने के चलते खुद को फांसी चढ़ा लिया। मस्तूरी क्षेत्र में यह पहली घटना नहीं है। कि कोई पहले किसान ने आत्महत्या की हो। मोहनचन्द्राकर का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि किसान परदेशी गंधर्व भी सूखे से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया।
जानकारी के अनुसार युवक बहुत ही गरीब परिवार से था। मृतक किसान के पांच बच्चे हैं। बड़ी लडकी की शादी की चर्चा चल रही थी। लेकिन सूख पड़ने के चलते इस साल परदेशी के खेत में अनाज पैदा नहीं हुआ। इस बात को लेकर वह हमेशा परेशान रहता था। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ग्रामीण राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि मृतक किसाने के माता पिता भीख मांगकर किसी तरह अपना जीवन बसर कर रहे थे। स्थानीय नेता रवि श्रीवास ने बताया कि परदेशी तीन भाई और दो बहने हैं।बताया जा रहा है कि फसल नहीं होने से उसे परिवार को चलाना मुश्किल हो गया था। उनसे ऊपर साहूकार के कर्ज भी थे। जिसे लेकर वह बहुत परेशान था।
छत्तीसगढ़ शासन ने सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सघन निगरानी करने का निर्देश दे रखा है।आदेश में स्पष्ट है कि किसी भी किसान को अगर सूखे के चलते नुकसान हो रहा है तो उसकी फसल को बचाने हर संभव प्रयास किया जाए। लेकिन जिला प्रशासन की कार्यशैली के चलते सूखे की मार झेल रहे किसान एक के बाद एक बाद मौत को गले लगा रहे हैं। पिता चुकीपरिवार
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