बिलासपुर- छत्तीसगढ़ आयुर्वेद अधिकारी संघ के तृतीय प्रांतीय महाधिवेशन एवं दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार राघवेन्द्र राव सभा भवन में आयोजित दुसरे दिवस के प्रथम सत्र में विधान सभा उपाध्यक्ष श्री बद्रीधर दीवान ने चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद भारत का गौरव है। आयुर्वेद प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। इसके प्रचार-प्रसार और अनुसंधान के लिए मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह प्रयासरत है। उन्होने चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे अपनी सेवाओं का लाभ दूरस्थ ग्रामीण अंचलों के लोगों को उपलब्ध कराएं। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष संसदीय सचिव श्री अम्बेश ने कहा कि आयुर्वेद प्राचीन सभ्यता से चली आ रही चिकित्सा पद्धति हैं। इस पद्धति को अपनाने के लिए अधिक से अधिक प्रयास करने की आवश्यकता हैं।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री डाॅ.प्रेम साय सिंह ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में गंभीर से गंभीर बीमारी दूर की जा सकती हैं। इसके लिए अनुसंधान की आवश्यकता हैं। उन्होने कहा कि आयुर्वेद और ऐलोपैथी की दूरियां कम होनी चाहिए। प्रांत अध्यक्ष डाॅ. परस शर्मा ने दूरस्थ ग्रामीण अंचलों मंे कार्यरत चिकित्सकों को विशेष भत्ता देने की माॅग रखी। इस अवसर पर डाॅ. प्रदीप शुक्ला, डाॅ द्विवेदी सहित सभी जिलो से आएं प्रतिभागी आयुर्वेद चिकित्सक उपस्थित थे।