बिलासपुर— प्रदेश में प्रशासनिक तानाशाही का दौर चल रहा है। मरवाही में किसान और मजदूर भूख से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। राजेन्द्र तिवारी के परिवार को न्याय नहीं मिल रहा है। मरवाही में सरकार ने सौ करोड़ रूपए राहत कार्य में खर्च करने बात कही थी। रूपए कहां है कब आएंगे। आएंगे भी या नहीं किसी को नहीं मालूम। हर तरफ अनिश्च्य की स्थिति है। तीन महीने से अकाल ग्रस्त लोगों के लिए राहत की बात कही जा रही है। लेकिन राहत का कुछ अता पता नहीं है। यह बातें मरवाही विधायक अमित जोगी ने सोमवार को बैठक के बाद कही।
जोगी ने बताया कि प्रदेश में अकाल के बाद तानाशाही का दौर चल रहा है। सरकार ने एलान किया था कि मनरेगा के तहत अकाल ग्र्सत मरवाही क्षेत्र में सौ करोड़ रूपए का काम किया जाएगा। आज तक उस ऐलान का कहीं अता पता नहीं है। जोगी ने बताया कि हमारे क्षेत्र में पिछले तीन चार महीने से मनरेगा में कराये गए मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होने बताया कि पोस्ट आफिस में पचास हजार खाताधारकों का अभी तक भुगतान नहीं हुआ है।
जोगी ने बताया कि सरकार को पुरानी मजदूरी देने के लिए चलित पोस्ट आफिस की व्यवस्था करनी चाहिए। इस भीषण त्रासदी में चाहिए कि पोस्ट आफिस गांव-गांव और घर-घर जाकर मनरेगा की मजदूरी का भुगतान करे। लोगों को राहत मिलेगी। उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार निरंकुश हो चुकी है। जनता सबक सिखाएगी। मैं अकाल से प्रभावित लोगों,मजदूरों और गरीबों के लिए किए राहत एलान का हिसाब सदन में लूंगा। साथ ही सरकार को ध्यान दिलाउंगा कि राजेन्द्र तिवारी आत्महत्या काण्ड में पीड़ित परिवार के लिए सरकार ने अभी तक क्या कदम उठाया है।