बिलासपुर—संभाग के जिलों में ऐसा वातावरण बनाएं कि हर व्यक्ति को किसी न किसी हुनर का ज्ञान हो। वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें। खुद का रोजगार विकसित करें। अच्छा होगा कि यदि कोई व्यक्ति अपने पंरपरागत और पारिवारिक हुनर को हुनर को लेकर सामने लेकर शासन उसकी भरपूर मदद करेंगा। यह बातें आत मंथन सभागार में संभागायुक्त सोनमणि बोरा ने जिला कलेक्टरों को निर्देश देते हुए कहा।
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संभागायुक्त बोरा ने कहा कि संभाग में एक ऐसा मुहिम चलाएं कि प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी हुनर को जाने। उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगार युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए दृढ़संकल्प है। सरकार ने इसके लिए नीतियां बनाई हैं। युवा विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं का रोजगार स्थापित करें। विकसित राज्य की कल्पना को हुनर से जु़ड़े लोग ही सहभागी बनेंगे।
सोनमणि बोरा ने कहा कि बहुत से ऐसे तकनीकी हुनर है, जिसे बिना कुछ लागत से सीखा जा सकता है। पारिवारिक परंपरागत हुनर उनमे से एक हैं। बस उन्हें जागरूक करने की जरूरत है। इससे रोजगार के अवसर सुलभ होंगे। श्रम के साथ हुनर जुड़ने से अधिक लाभ मिलना तय है।
संभागायुक्त ने बिलासपुर संभाग में निःशक्तजनों के लिए संचालित स्वयं कार्यक्रम के क्रियान्वयन के संबंध में भी जिला कलेक्टरों से जानकारी ली। उन्होंने निःशक्तजनों को भी उनके रूचि और सामर्थ्य के अनुसार किसी न किसी व्यवसाय का प्रशिक्षण देने के लिए कहा। बोरा ने बिलासपुर संभाग में बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ ’’लाडली नोनी’’ कार्यक्रम की भी समीक्षा की। भ्रुण हत्या को रोकने के लिए नर्सिंग होम में लगाये गये एक्टिव टेªकर की जानकारी ली।
बैठक में पुलिस महानिरीक्षक पवन देव, संभाग के सभी कलेक्टर के अलावा सिम्स के डीन डॉ. विष्णुदत्त, डॉ. रमणेश मूर्ति, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सक्सेना विशेष रूप से उपस्थित थे। ल एवं उपचार पर संभाग स्तरीय कार्यशाला