बिलासपुर।कबीरदास जी ने सत्य का मार्ग दिखाया, उनके वाणी व दोहे आज भी प्रासंगिक हैं। उक्त उद्गार आज मंगलभवन जरहाभाठा मिनी बस्ती में आयोजित सद्गुरू कबीर सत्संग ग्रन्थ समारोह के समापन अवसर पर प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल ने कही। उन्होंने कार्यक्रम में कबीरदास के तैल चित्र पर दीप प्रज्जवलित किया।
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अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि कबीरदास जी को समझना अपने आप में एक साधना है। वे एक मनुष्य के रूप में देवता थे। कबीरदास गागर में सागर की तरह ज्ञान के महासागर थे। उनकी वाणी व दोहे आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि कबीरजी की वाणी व दोहे हमंे जीने का रास्ता दिखाता है। हम सब सौभाग्यशाली हैं जो कबीरदास का छत्तीसगढ़ के दामाखेड़ा में सबसे बड़ा आश्रम है। जहां प्रति वर्ष मेले के समय हजारों कबीर पंथी आपस में मिलजुलकर भाईचारा का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि कबीर दास के मानने वाले एक समाज ही नहीं पुरा मानव समाज है। वैसे भी महापुरूष लोग केवल एक समाज के नहीं होते। छत्तीसगढ़ के सारे समाज कबीर जी को मानते हैं। उनके अनुयायी को जाति से नहीं कबीरपंथी के नाम से जानते हैं। कबीर जी का सारा जीवन लोगों के हितों के लिये था। अतः हमसब उनकी वाणी और दोहो का मनन कर जीवन को सफल बनाएं। श्री अग्रवाल ने समाज की मांग के अनुरूप तिफरा में नवनिर्मित कबीर धर्म के गुरूद्वारा को शीघ्र पूर्ण कराकर समाज को सौंपने की बात कहीं। कार्यक्रम अध्यक्ष श्री राजेश मानिकपुरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि कार्यक्रम में दामाखेड़ा, कोरबा, कवर्धा के महंत जी लोग आये हुए हैं। आश्रम सेवा समिति द्वारा प्रवचन किया जा रहा है। प्रतिवर्ष कबीर जी का कार्यक्रम निरन्तर मनाते आ रहे हैं। हम सबको कबीरपंथ को छोड़ना नहीं चाहिये, उन्होंने उनके वचनों को आत्मसात करने की बात कही।
इस अवसर पर सर्वश्री रामदेव कुमावत, राकेश तिवारी, अनुज टंडन, दशाराम खान्डे, अमरूदास मानिकपुरी, राजेश मिश्रा सहित कबीरपंथ के अनुयायी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।