सच्चरित्र से बनता है सशक्त राष्ट्र…सोनमणि वोरा

BHASKAR MISHRA
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DSC_0128बिलासपुर—केन्द्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशानुसार देश के सभी सार्वजनिक उपक्रमों में जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। भारत सरकार के मिनी रत्न उपक्रम और कोल इण्डिया की सहयोगी कंपनी एसईसीएल मुख्यालय में भी संभागायुक्त सोनमणी बोरा के मुख्य आतिथ्य में सतर्कता जागरूकता सप्ताह का उत्साहजनक आगाज़ हुआ । इस अवसर पर एसईसीएल के मुख्य सतर्कता अधिकारी जी.जनार्दन आईपीएसए निदेशक तकनीकी संचालन आर.पी. ठाकुर निदेशक कार्मिक डॉ आर एस झा विशिष्ट अतिथि की भूमिका में उपस्थित थे।

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             कार्यक्रम के प्रारम्भ में लौह.पुरुष, देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन किया गया। उपस्थित समस्त एसईसीएल कर्मियों ने सतर्कता शपथ लिया। इस मौके पर देश के राष्ट्रपति समेत गणमान्य जनों के संदेश का पठन किया गया।

             समारोह में महाप्रबंधक सतर्कता डी चंद्राकार ने स्वागत भाषण पेश किया। उन्होने कंपनी के विभिन्न संचालन गतिविधिओं की जानकारी देते हुए सतर्कता विभाग के उठाये गये कदमों की जानकारी सबके सामने पेश किया। उन्होने बताया कि  एसईसीएल नई पीढ़ी को सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से जोड़ने के लिए बिलासपुर,रायपुर समेत संचालन क्षेत्रों के 60 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अवसर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

                             कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संभागायुक्त सोनमणी बोरा ने कहा कि महात्मा गाँधी के पदचिन्हों पर चलकर ही देश और समाज का समग्र विकास और उत्थान होगा। उन्होंने महात्मा गांधी की सुक्ति को याद करते हुए कहा कि हम जैसा सोचते हैं..वैसी ही धारणा बनती है…कार्य और व्यवहार भी वैसा हीं होने लगता है । हमें उन्नत विचारों के साथ…सेवाकाल में बेहतर देने की कोशिश करना होगा। देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तब्य है कि वह ईमानदार,अनुशासित और प्रगतिशील चरित्र के साथ आगे बढ़े। इससे उन्नत समाज और सबल भारत का निर्माण अपने आप हो जाएगा। उन्होने कहा कि चरित्र का प्रदर्शन सर्वोतम है। संभागायुक्त ने अपने सम्बोधन में एसईसीएल कर्मियों को अनुभवजन्य टिप्स भी दिये।

               एसईसीएल के मुख्य सतर्कता अधिकारी जी जनार्दन ने कहा कि सतर्कता सप्ताह के दौरान कर्मचारियों अधिकरियों स्टेक.होल्डर्स, नयी पीढ़ी के बीच ज्यादा से ज्यादा जागरूकता का प्रसार करें। उन्होने कहा कि मुख्यालय के अधिकारी नर्व सेंटर की तरह काम करते हैं। उन्हें अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मियों को भी मार्गदर्शन करना चाहिए । जनार्दन ने कहा कि नियमों की जानकारी और कार्यप्रणाली को अपनाने से हम सुरक्षित काम कर सकते हैं ।

               इस अवसर पर निदेशक तकनीकी संचालन आर पी ठाकुर ने उपस्थित लोगों से सम्यक आचरण और नियमों के पालन किए जाने आह्वान किया। निदेशक कार्मिक डॉ आर.एस.झा ने कहा कि प्रत्येक सरकारी सेवक को तय नियम और प्रक्रिया के अनुसार कंपनी और राष्ट्र हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए ।

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