रायपुर ।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता बुधवार को यहां मंत्रालय में जैव विविधता बोर्ड सलाहकार बोर्ड की बैठक आयोजित की गयी । मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि राज्य के वनों में समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण के लिए हमें पेड़-पौधों के साथ-साथ वन्यप्राणियों के संरक्षण पर भी गंभीरता से ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि वनवासी परिवारों की आजीविका मुख्य रूप से वनों पर आधारित होती है। इसलिए भी यह काफी महत्वपूर्ण है कि हम राज्य के वनों की बेहतर देखभाल करें। मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रत्येक वनमंडल में दो-दो जैव विविधता प्रबंधन समिति गठित करने के निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ जैव विविधता नियम 2015 का अनुमोदन भी बैठक में किया गया। डॉ. रमन सिंह ने बैठक में राज्य की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण के लिए मानचित्र बनवाने की जरूरत पर बल दिया और इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
गहन विचार-विमर्श के बाद बैठक में बस्तर राजस्व संभाग के बफर एरिया को कम करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। अब यह प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में इंद्रावती टाइगर प्रोजेक्ट का बफर क्षेत्रफल 1438 वर्ग किलोमीटर है, लेकिन इस इलाके के ग्रामीणों को लघु वनोपज संग्रहण कार्यों में सुविधा हो और उन गांवों का बेहतर ढंग से विकास हो सके, इस उददेश्य से राज्य सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था और समिति को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का आज की बैठक में अनुमोदन किया गया, जिसमें इंद्रावती टाइगर प्रोजेक्ट के बफर क्षेत्रफल को 1438 वर्ग किलोमीटर से घटाकर 513 वर्ग किलोमीटर करने की अनुशंसा की गयी है। इस क्षेत्र में पहले 81 गांव टाइगर प्रोजेक्ट से प्रभावित हो रहे थे, लेकिन समिति की अनुशंसा के अनुसार अब इनमें से 77गांवों को टाइगर प्रोजेक्ट से बाहर रखने का प्रस्ताव है। राज्य शासन सम्पूर्ण प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा। बैठक में अचानकमार अभयारण्य क्षेत्र में ग्रामीणों को आवागमन की बेहतर सुविधा देने के लिए जन सुविधा एक्सप्रेस वाहन चलाने का निर्णय लिया गया। ऐसे पांच वाहन वहां के स्थानीय ग्रामीणों को फाइनेंस करके दिए जाएंगे। बैठक में विधायक द्वय श्री महेश गागड़ा और श्री तोखन साहू, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड. वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री आर.पी.मंडल. मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह. प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री रामप्रकाश और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी तथा बोर्ड के सदस्यगण उपस्थित थे।