7 राज्यों के शोधार्थी जुटेंगे सीवीआरयू में

Shri Mi
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anveshanबिलासपुर(करगीरोड)।देश के 7 राज्यों के 105 विश्वविद्यालय के शोधार्थी दो दिवसीय सेंट्रल जोन रिसर्च कनवेशन कार्यक्रम अनवेशन-2017 में आज डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में जुटेंगे। अनवेशन-2017 में 28 फरवरी से 1 मार्च तक कृशि, साइंस,इंजीनियरिंग व टेक्नालाॅजी,मेडिकल साइंस, सोशल साइंस ह्यूमेनिटिस विशयों पर शोधार्थी देश के कई शिक्षाविदों के सामने अपने माॅडल प्रस्तुत करेंगे। यहां से चयनित माॅडल राष्ट्रीय आयोजन में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें देश के सभी विश्वविद्यालय के शोधार्थी शामिल होंगे।
dubey_cvruइस संबंध में जानकारी देते हुए डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.पी.दुबे ने बताया कि देश के सभी विश्वविद्यालयों को 5 भाग में बांटा गया है, इसमें छत्तीसगढ़ सहित कुल 7 राज्य के 105 विश्वविद्यालय सेंट्रल जोन में आते है। वर्श में एक बार हर जोन में युवा उत्सव का आयोजन किया जाता है,जिसमें सीवीआरयू भी शामिल होता है। युवाओं की प्रतिभा को निखारने और उन्हें एक बड़ा मंच देने के लिए सभी प्रकार के आयोजन किए जाते है। प्रो. दुबे ने बताया चूंकि रिसर्च के महत्वपूर्ण विशय है और रिसर्च ही किसी देश के विकास के गति की बुनियाद होती है। इसलिए रिसर्च को लेकर देश भर के शोधार्थियों को मंच देने के लिए इस वर्श सेंट्रल जोन रिसर्च कनवेशन कार्यक्रम अनवेशन-2017 किया जा रहा है। एआईयू ने सीवीआरयू को इस आयोजन को होस्ट करने की जिम्मेदारी दी है। इस क्रम में अब तक लगभग 50 विश्वविद्यालय ने अपनी सहमति जताई और उनके शोधार्थियों के माॅडलों की जानकारी भी आ गई है। विश्वविद्यालय ने सभी तैयारी पूरी कर ली है।विश्वविद्यालय परिवार के लिए हर्श की बात है कि एआईयू के डिप्टी रिसर्च डायरेक्टर डाॅ.अमरेंद्र पाणी, और सहायक शोध निदेशक डाॅ.उशारानी नेगी सहित कई विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हो रहे हैं।

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शोधार्थियों को मंच नहीं मिलते-कुलसचिव
cvru pandeyइस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि छत्तीसगढ़ एक पिछड़ा और आदिवासी राज्य है। यहां पर माध्यमिक और उच्च शिक्षा देना एक चुनौती ही है। यहां ग्रास इनरोल्डमेंट रेशियो 19 से 20 प्रतिशत है। ऐसे में जितने भी विश्वविद्यालय है और उनमें जितने भी शोधार्थी शोध करते हैं। उनमें से जो शोधार्थी होते हैं उनको अनवेशन जैसे मंच छत्तीसगढ उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। ऐसी प्रतिभाओं को मंच नहीं मिलता, क्योंकि व्यवस्था का सहयोग नहीं मिल पाता। यह तो हर्ष की बात है कि शोधार्थियों के लिए छत्तीसगढ़ स्तर पर मध्य भारत का सबसे बड़ा मंच बिलासपुर जिले के डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय को मिला है। यह सभी के लिए गौरव की बात है।

5 वेन्यू बनाए गए
शोधार्थियों की संख्या और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए परिसर में ही 5 वेन्यू बनाए गए हैं। कृशि, साइंस,इंजीनियरिंग व टेक्नालाॅजी,मेडिकल साइंस, सोशल साइंस ह्यूमेनिटिस विशयों में माॅडल आएंगे। एआईयू के नियमानुसार प्रत्येक विश्वविद्यालय अधिकतम 5 माॅडल ला सकते हैं जिसमें एक माॅडल के साथ 1 से 3 शोधार्थी शामिल होंगे। सुविधा की दृश्टि से 5 वेन्यू तय किया गया है, जिसमें 1 ब्लाक में कृशि, ब्लााक बी में साइंस, ब्लाक सी में मेडिकल साइंस, ब्लाक डी में सोशल साइंस ह्यूमेनिटिस और ब्लााक ई में इंजीनियरिंग एंड टैक्नालाॅजी तय किया गया है।

क्या है प्रक्रिया
विश्वविद्यालय में एआईयू के समन्वयक डाॅ.पी.के.नायक ने जानकारी दी कि अनवेशन-2017 में उड़िसा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराश्ट्र, आंध्रप्रदेश,तेलंगाना सहित छत्तीसगढ़ केविश्वविद्यालय शामिल हो रहे हैं। आयोजन का भव्य आगाज के बाद सभी शोधार्थी पोस्टर प्रेजेंटेशन देंगे। इसके बाद चयनित शोधार्थियों का पोडियम प्रेंजेंटेशन और सवाल जवाब होंगे। इसमें चयनित शोधार्थियों के माॅडल राश्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए सलेक्ट लिए जाएंगे।

ये शिक्षाविद् होंगे शामिल
अनवेशन-2017 में आयोजन में एआईयू के डिप्टी रिसर्च डायरेक्टर डाॅ.अमरेंद्र पाणी, और सहायक शोध निदेशक डाॅ.उशारानी नेगी और एआईयू के अधिकारी शामिल होंगे। इसके साथ पं. सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वंशगोपाल सिंह, बिलासपुर विष्वविद्याल के कुलपति प्रो. जी.डी. शर्मा सहित कई विश्वविद्यालय के कुलपति और शिक्षाविद् शामिल होंगे।

छत्तीसगढ़ की संास्कृतिक छटा भी
शुभारंभ अवसर पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों अन्य राज्योें के शोधार्थियों के सामने छत्तीसगढ़ की लोककला, संस्कृति और जीवन शैली को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे। सूआ, पंथी और कर्मा नृत्य से शोधाथियों को प्रदेश की संस्कृति से परिचित कराया जाएगा। विद्यार्थियों पारंपरिक वेशभूशा में नजर आंएगें। जिससे सीवीाआरयू में पूरा छत्तीसगढ़ नजर आएगा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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