बिलासपुर(करगीरोड)। डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय अब सौर उर्जा की रौशनी से रौशन होगा। इसके लिए विश्वविद्यालय के रिसर्च सेंटर और लायब्रेरी के उपर 10 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाया गया है। इस सोलर प्लांट से एक माह में 1500 यूनिट बिजली उत्पादित की जाएगी। यह सबसे आधुनिक तकनीक का सौर प्लांट है,जिसमें बिजली स्टोरेज और सीधी खपत दोनों का सुविधा है। विश्वविद्यालय में दुनिया की सबसे बड़ी एसएमए जर्मनी की कंपनी ने इसमे उपकरण लगाए हैं। डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय गैर परंपरागत उर्जा साधनों से बिजली उत्पादन करने और उर्जा के क्षेत्र में रिसर्च के लिए काम कर रहा है। इसके लिए सबसे पहले विश्वविद्यालय को सौर उर्जा से रौशन किया गया है।
यहां रिसर्च लैब व लायब्रेरी के उपर 10 किलोवाट का सोलर प्लांट स्थापित किया गया है। इस प्लांट से प्रतिदिन 50 यूनिट और हर महिने 1500 यूनिट बिजली उत्पादित की जाएगी। खासबात यह भी है विश्वविद्यालय के सोलर प्लांट में जर्मनी की एसएमए कंपनी जो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है उसने इनवर्टर लगाया है। इसमें बिजली स्टोरेज और सीधे सप्लाई की सुविधा है। विश्वविद्यालय में समय समय पर केंद्र व राज्य सरकार के पदों में भर्ती के लिए आॅनलाइन परीक्षा आयोजित की जाती है। इसमें मुख्य रूप से आईबीपीएस,एसएससी,पीएससी,एलआईसी,बैंक,गेट,व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा सहित अन्य परीक्षाएं आयोजित की जाती है। जिससे बिजली सप्लाई निरंतरता की जरूरत होती है,इसमें लिए जनरेटर पर निर्भर होना पड़ता है। सोलर प्लांट स्थापित किए जाने से आॅनलाइन परीक्षा में ज्यादा विद्यार्थियों के लिए सुविधा उपलब्ध की जा सकेगी। जिसमें बिजली उपयोग किया जा सकेगी। इसके साथ एनएसडीसी की ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए भी उत्पादित बिजली सप्लाई की जा सकेगी।
बिजली की बढ़ती दरों के कारण लिया फैसला-कुलसचिव
इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेश पाण्डेय ने बताया कि वर्तमान में बिजली की दरें लगातार बढ़ती जा रही है। गुरूवार को ही विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरें बढ़ाने की घोषणा की है। 12 से 14 प्रतिशत तक बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं। हमारे विश्वविद्यालय में भी अधिक यूनिट बिजली खर्च होती है। बिजली पर खर्च रोकने के लिए लंबे समय से विचार किया जा रहा था। इसलिए अभी 10 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाया गया है, जिसमें 1500 यूनिट बिजली उत्पादित होगी। साथ ही 10 किलोवाट सोलर लगाने का काम जारी जो जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। जिससे दोनों प्लांट से लगभग 3000 यूनिट बिजली उत्पादित हो सकेगी। जिससे हम प्रशासनिक भवन के साथ, लैब, आॅनलाइन परीक्षा, रिसर्च और रेडियो रामन् में हर समय सोलर प्लांट से बिजली दे सकेंगे।
एम टेक के विद्यार्थियों को दिया गया लैपटाॅप:-
विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ युवा सूचनाक्रांति योजना के तहत एम टेक के विद्याार्थियों को लैपटाॅप वितरत किया गया। इस अवसर पर एम टेक के सभी ब्रांच के विद्यार्थियों को कुलपति डाॅ.आर.पी.दुबे ने लैपटाॅप प्रदान किया। इस अवसर पर कुलपति डाॅ.आर.पी.दुबे ने कहा कि विद्यार्थी आज के दौर में जीवन के हर पड़ाव में तकनीक को हमेशा साथ लेकर चलें और साथ ही साथ खुद को अपडेट भी करते रहें। डाॅ.दुबे ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर सभी विभाग के विभागाध्यक्ष,प्राध्यापक,अधिकारी-कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
रिसर्च के लिए गैर परंपरागत उर्जा का बनेगा लैब-कुलपति
इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ.आर.पी.दुबे ने बताया कि गैर परंपरागत उर्जा के क्षेत्र में रिसर्च के अपार अवसर है। इसके लिए लैब बनाया जाना तय किया गया है, जिसमें पवन चक्की, सौर उर्जा सहित कई विषयों और संभावनाओं के लिए लैब तैयार किया जाएगा। जिससे यहां के विद्यार्थियों को रिसर्च के अवसर मिल सके। जिसमें इंजीनियरिंग के साथ सभी संकायों के विद्यार्थी अपनी सोच को साकार रूप दें सकेंगे। इसके लिए लैब में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।