सेंट्रल जेल में लगेगा टेलीफोन बूथ

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बिलासपुर। केन्द्रीय जेल बिलासपुर में भी कैदियों ने ’’रमन के गोठ’’ को उत्साहपूर्वक सुना। ’’रमन के गोठ’’ मंे जेल में बंद कैदियों के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने जेल में कैदियों के लिए टेलीफोन बूथ स्थापित करने के लिए परीक्षण कराकर आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही। इसे सुनकर जेल के बंदी उत्साहित है। इससे कैदियों को अपने परिजनों से बातचीत का मौका मिलेगा।

                         kendriya jail me raman ke goth suna bandiyo ne (2)केन्द्रीय जेल में विगत् 5 वर्ष से अजीवन की सजा काट रहे बंदी त्रिलोचन देवांगन ने रमन के गोठ सुनने के बाद कहा कि जेल में बंद बंदियों के आश्रितों को भरण-पोषण के लिए आवश्यक कार्यवाही करने की बात को सुनकर परिवार के प्रति जो चिंता थी वह खत्म हो गई है। ऐसा लगा कि घर का मुखिया अगर किसी कारणवश जेल में है, तो राज्य का मुखिया तो उनकी चिंता करने के लिए है। त्रिलोचन देवांगन अपने घर के मुखिया है। उनके परिवार में मां, छोटी बहन एवं एक छोटा बेटा है। इसी तरह बंदी महेन्द्र उर्फ बाबा विगत् 15 वर्षों से केन्द्रीय जेल बिलासपुर में सजा काट रहा है। रायगढ़ जिले के जकेला निवासी महेन्द्र ने भी ’’रमन के गोठ’’ में जेल में एसटीडी-पीसीओ बंदियों के लिए संचालन की बात सुनकर अत्यंत खुश है।

                   अब घर वालों से मुलाकात की दूरी कम हो जायेगी। वे टेलीफोन के जरिये अपने परिजनों से बात कर सकेंगे। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह के प्रति आभार जताया है। बंदिनी प्रेमलता जैकब केन्द्रीय जेल बिलासपुर के महिला खण्ड में 10 साल से सजा काट रही है। जेल में बंद रायगढ़ निवासी प्रेमलता जैकब का कहना है कि दूरी की वजह से उनके परिवार वाले बहुत कम मिलने आ पाते हैं। उन्हें हमेशा घर की चिंता लगी रहती है। उनका कहना है कि रमन के गोठ में एसटीडी-पीसीओ लगाये जाने की बात सुनकर सुकुन महसूस हुआ। अब वह अपने परिवार से समय-समय पर उनकी बात सुन पायेगी।

                     केन्द्रीय जेल बिलासपुर में जेल अधीक्षक एस.एस. तिग्गा द्वारा ’’रमन के गोठ’’ सुनने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। सभी बैरकों में ’’रमन के गोठ’’ का प्रसारण करवाया गया था

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