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रायपुर।छत्तीगसढ़ प्रदेश सरकार का बजट जहां 80 हजार करोड़ से ज्यादा है तथा स्वास्थ्य विभाग का बजट भी करोड़ो में है उसके बाद भी राज्य में स्वाइन फ्लू की वैक्सीन के लिये मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मनीष दयाल ने कहा कि राज्य में बीते 45 दिनों में 40 से ज्यादा मरीज स्वाईन फ्लू पाॅजिटिव मिले है। तथा स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण 7 मरीजों को दम तोड़ना पड़ा है। उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग सोया पड़ा है। जलवायु परिवर्तन के कारण स्वाइन फ्लू पूरे प्रदेश में तेजी से पैर पसार रहा है किन्तु स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी जांच एवं रोक थाम के लिये किसी भी तरह का कारगार कदम नहीं उठाया जाना इस सरकार की हकीकत को बताता है।
स्वाइन फ्लू ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसमें तत्काल सही इलाज नहीं मिलने से मरीज की मौत हो जाती है। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग में इस तरह की बीमारियों के लिये एक विशेष कार्यक्रम ”महामारी नियंत्रण कार्यक्रम“ चलाया जाता है। जिसको राज्य एवं केन्द्र से विशेष पैकेज दिया जाता है किन्तु इस कार्यक्रम के अधिकारी स्वाइन फ्लू महामारी से अपना पल्ला झाड़ रहे है। निजी अस्पतालो में इस बीमारी का इलाज काफी मंहगा है जिसे हर कोई वहन नहीं कर सकता है।
छत्तीसगढ़ सरकार में भ्रष्टाचार के ये आलाम है कि करोड़ो रूपये की मशीने सरकारी अस्पतालों में स्टाफ की कमी के कारण खराब हो रही है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू से मरीज मर रहे है और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मौज-मस्ती में व्यस्त है। वहीं कुछ कदावर मंत्री विदेश यात्रा में व्यस्त है।कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दयाल ने कहा कि सरकार जल्द इस बीमारी को रोकने के लिये अवश्यसंभावी कदम उठाए अन्यथा सुपेबेड़ा जैसे हालात पूरे राज्य में बनने में देर नहीं लगेगी।