नईदिल्ली।भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पी एन भगवती गुरुवार (15 जून) को नहीं रहे। उनका 95 साल की उम्र में दिल्ली में निधन हो गया। भगवती ने 12 जुलाई 1985 से लेकर दिसंबर 1986 तक सर्वोच्च न्यायालय में बतौर जज के तौर पर अपनी सेवा दी थी। 2007 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्म विभूषण अवॉर्ड से नवाजा गया था। उनका पूरा नाम प्रफुल्लचंद्र नटवरलाल भगवती था। उनकी गिनती देश के जाने माने वकीलों में गिना जाता था। भगवती पीआईएल यानी जनहित याचिका को पेश कर काफी लंबे समय तक सुर्खियों में रहे थे। 1986 में इसे समाज के पिछड़े और सुविधाविहीन लोगों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से पेश किया गया था।
भगवती के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर हैंडिल के जरिए भगवती के लिए संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अपने ट्विटर पर भगवती के लिए दो ट्विट पोस्ट किए। पीएम ने ट्वीट कर पी एन भगवती को भारतीय कानून व्यवस्था का पक्क समर्थक बताया। बता दें कि भगवती पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन के दौरान आपातकाल में भगवती बंदी प्रत्यक्षीकरण केस से जुड़े पीठ का हिस्सा भी रहे थे। इस दौरान वे अपने विवादित फैसले के लिए चर्चाओं में लंबे समय तक रहे थे। आपको बता दें कि जानेमाने अर्थशास्त्री जगदीश भगवती और न्यूरोसर्जन एन एन भगवती पूर्व चीफ जस्टिस भगवती के भाई हैं।