सीजीपीएससी ने फिर किया नाराज

BHASKAR MISHRA
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pscबिलासपुर– छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग ने पीएससी की तैयारी कर रहे प्रतिभागियों को एक बार फिर जोर का झटका दिया है। नए नियम के अनुसार परीक्षा में बैठने की अधिकतम आयु 35 कर दिया है। सरकारी सेवा में काम करने वालों को तीन साल की छूट मिलेगी। राज्य के बाहर के परीक्षार्थियों की अधिकतम आयु में भी कटौती की गयी है।

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                     छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग 2015 के लिए साढ़े तीन सौ से अधिक पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है। लम्बे समय से तैयारी में जुटे छात्रों में विज्ञापन की शर्तों को लेकर आक्रोश दिखाई देने लगा है। आयोग ने आयु सीमा घटाकर 40 से 35 साल दिया है। राज्य से बाहर के परीक्षार्थियों के लिए आयु सीमा घटकर तीस कर दी गयी है। शर्तों में फेरबदल राजपत्रित अधिकारी का सपना देख रहे प्रतियोगियों में इसे लेकर गहरी नाराजगी सामने आने लगी है।

                                     आयोग से जारी विज्ञापन के अनुसार जो प्रतिभागी सरकारी सेवा में कार्यरत हैं उन्हें आयु सीमा में तीन साल की छूट मिलेगी। ऐसे प्रतिभागियों की उम्र 1 जनवरी 2015 को 38 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। नए नियम के अनुसार शिक्षाकर्मियों को उनकी सेवाओं के लिए अधिकतम दस साल की छूट मिलेगी। लेकिन आयु सीमा 38 साल से ज्यादा नहीं हो सकती है।

                                बहरहाल विज्ञापन जारी होने के बाद राज्य सेवा की तैयारी कर रहे नाराज छात्र धीरे धीरे अब एक होने लगे हैं। एक प्रतियोगी छात्र ने बताया कि वह पिछले दस साल से तैयारी कर रहा है। कई बार इन्टरव्यू तक पहुंचा। किन्ही कारणों से सफल नहीं हो पाया।  इस बार पूरी उम्मीद थी कि वह जरूर सलेक्ट होगा। लेकिन आयोग ने बिना साक्षात्कार,मेन्स और प्रीलिम्स लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया।

                                            आयोग के नए दिशा निर्देश से पीड़ित एक अन्य प्रतिभागी ने बताया कि वह शिक्षाकर्मी पद पर पिछले दस साल से अधिक समय से काम कर रहा है। पुरानी शर्तों के अनुसार अभी उसके पास तीन अवसर हैं। लेकिन नए नियम ने बिना परीक्षा के ही फेल कर दिया। उसकी उम्र 38 साल से ऊपर हो गयी है। अब तो सिर्फ मध्यप्रदेश पीएससी ही एक मात्र सहारा है।

                                                      पीएससी कोचिंग कराने वाले एक टीचर ने बताया कि आयोग का नियम समझ से परे है।  नए-नए प्रयोग कब तक होंगे। ऐसे बेतुके प्रयोग से छात्रों का भविष्य अंधेरे में जाता दिखाई दे रहा है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में स्थानीय और बाहरी राज्यों के लिए अधिकतम आयु सीमा चालिस निर्धारित है। लेकिन हमारे यहां इसे घटाकर  पैंतीस कर दिया गया है। जाहिर सी बात है कि अब हमारे यहां के छात्र मध्यप्रदेश की सेवा करने की तैयारी करेंगे।

                 टीचर ने बताया कि बार-बार नियमों में बदलाव स्थायित्व को प्रभावित करता है। आयोग को मध्यप्रदेश की तर्ज पर यहां भी अधिकतम आयु सीमा चालिस कर देनी चाहिए। जिससे लम्बे समय से चालिस का टारगेट लेकर चलने वाले प्रतिभागियों को कम से कम कुछ अवसर और मिल जाता। बहरहाल जिले के वे छात्र जो लम्बे समय से पीएससी तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने एक होकर आयोग के सामने गुहार लगाने का मन बनाया है। देखते है कि कि यह गुहार कितनी कारगर साबित होती है।

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