सांप हमारे पर्यावरण मित्र..ज्यादातर मौत भय से..कमल

BHASKAR MISHRA

IMG-20151116-WA0000बिलासपुर– सांप के प्रति लोगों में कई भ्रांतियां देखने को मिलती है। देखने में आया है कि कई बार लोग भयवश सांप को मारने लगते हैं। यह भी देखा गया है कि विषहीन सांप के काटने के बाद लोग दम तोड़ देते हैं। इसका प्रमुख कारण लोगों में सांप के बारे में पूरी तरह से जानकारी का नहीं होना है। छठ घाट पर महाआरती के पहले उपस्थित लोगों में सांप के प्रति आम लोगों में भाव और सांप के स्वभाव पर स्नेक रिस्क्यू टीम ने जानकारी दी।

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                                   स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने बताया कि देश में ज्यादातर लोग सांप के जहर से कम उसके दहशत से मर जाते हैं। टीम के सदस्यों ने बताया कि हमारे देश में बहुत ज्यादा जहरीले सांपो की प्रजाति नहीं है। ज्यादातर देखने में आया है कि विषहीन सांप के काटने से ही लोग भयवश दम तोड़ देते हैं। इसी अज्ञानता में लोग हमारे पर्यावरण के मुख्य जीव को मारने से भी नहीं चूकते है।

                टीम के सदस्य कमल चौधरी ने बताया कि हमारी टीम जिले और प्रदेश में घूमघूम कर लोगों में सांप के बारे में जानकारी देते हैं। समझाने का प्रयास करते हैं कि कौन सांप विषैला है और कौन विषहीन। उन्होंने बताया कि सांप हमारे पर्यावरण का अभिन्न हिस्सा है। इनकी संख्या लगातार कम होती जा रही है। इनका हमारे जीवन में बहुत महत्व है। हमारी टीम 24 घंटे सांपो को बचाने का प्रयास में रहता है। हमने जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को अपना नम्बर दिया है कि यदि किसी को सांप दिखाई दे तो हमें तुरंत फोन करें।

                                  चौधरी ने बताया कि हम संबधित स्थान पर पहुंचकर सबसे पहले सांप को अपने कब्जे में लेते हैं। इसके बाद लोगों को सांपो के बारे में जानकारी देते हुए उसके महत्व को बताते हैं।

          चौधरी ने बताया कि हमारी टीम में शामिल सभी लोग अच्छे पोस्ट पर कार्यरत है। कोई डॉक्टर है तो कोई इंजीनियर, कोई बाबू है तो कोई रेलवे विभाग का बड़ा अधिकारी। हमारी टीम में हरदीप पटेल,संतोष गुरूंग, वाय.नागू राव, अमर साहू, ध्रुवव्लोयोति, राज कुमार, चन्दन राघवेन्द्र, संदीप पटेल, सौरभ सरकार, आनंद सिंह और सुभाष देवांगन जैसे योग्य और जुझारू अधिकारी काम कर रहे हैं।

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