लाइट डेकोरेशन में लाखों रूपयों की बंदरबांट

BHASKAR MISHRA
5 Min Read

SMART_CITY_BITE_SHAILENDRA 005बिलासपुर—कांग्रेस नेताओं ने निगम अधिकारियों और महापौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बिलासपुर निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बताया है। कांग्रेसियों की मानें तो कभी शौचालय के नाम पर तो कभी नाली,पानी और सफाई के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई को निगम सरकार पानी की तरह बहा रही है। यह जानते हुए भी केन्द्र सरकार मुफ्त में एलईडी लाइट की सप्लाई करने वाली है बावजूद इसके ठेकेदारों को फायदा पहुचाने निगम ने व्यापार विहार लाइट डेकोरेशन में पचास लाख रूपये पानी की तरह बहा दिया गया।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                      कांग्रेस पार्षद दल के नेता शैलेन्द्र जायसवाल ने निगम अधिकारियों और भाजपा जनप्रतिनिधियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। शैलेन्द्र ने बताया कि महापौर और निगम अधिकारी बिलासपुर की जनता को बेवकूफ समझते हैं। लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम कि जनता इनके भ्रष्टाचार के खेल को अच्छी तरह समझ चुकी है।

               शैलेन्द्र ने सीजी वाल को बताया कि केन्द्र सरकार ने अभी कुछ पांच छः महीने पहले बिजली बचत योजना के तहत एक कम्पनी को सर्वे का काम दिया था । कम्पनी ने भारत के छः राज्यों में एलईडी मुफ्त में बाटने का जिम्मा उठाया। सर्वे में छत्तीसगढ़ के छः नगर निगम को चुना गया। योजना के तहत ईईसीएल कम्पनी केन्द्र के निर्देश पर मुफ्त में लाइट लगाएगी। बावजूद इसके निगम प्रशासन ने दो महीने पहले आनन फानन में व्यापार विहार सड़क के डेकोरेशन में पचास लाख रूपए खर्च कर दिये।

                             शैलेन्द्र ने बताया कि निगम सरकार को अच्छी तरह से मालूम था कि केन्द्र की एलईडी योजना में बिलासपुर नगर निगम को भी शामिल किया गया है। बावजूद इसके व्यापार बिहार में रोड लाइट डेकोरेशन के लिए पचास लाख रूपए का टेन्डर निकाला गया। जबकि बिलासपुर में एईडी का डेकोरेशन मुफ्त में होना है। सब कुछ जानते हुए भी व्यापार विहार में पचास लाख रूपए का वेवजह खर्च की क्या जरूरत थी। इसका जवाब महापौर और आयुक्त को देना होगा।

             कांग्रेस नेता ने बताया कि व्यापार विहार में लाइट डेकोरेशन के नाम पर सिर्फ पन्द्रह लाख रूपए ही खर्च हुए हैं।उन्होने बताया कि बिलासपुर नगर निगम में कुल पन्द्रह हजार पांच सौ पचहत्तर खम्बे हैं। सभी खम्भों में ईईसीएल कम्पनी एलईडी लगाएगी। बावजूद इसके आनन फानन में व्यापार विहार में पचास लाख की लाइट लगाना समझ से परे है। शैलेन्द्र के अनुसार निगम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का ठेकेदारों से घनिष्ठ रिश्ता है। शायद इसलिए ही ठेकेदार को खुश करने निगम ने पचास लाख टेन्डर थमा दिया। यह जानते हुए भी आने वाले दो महीने बाद व्यापार विहार में भी केन्द्र की एलई़़डी लगेगी।

निगम में भ्रष्टाचार का खेल

                 केन्द्र ने एलईडी सर्वे का काम बहुत पहले ही ईईसीएल कम्पनी को दिया था। महापौर समेत सभी अधिकारियों को मालूम था कि बिलासपुर में भी ईईसीएल कम्पनी निगम के सभी खम्भों में एलईडी लगाएगी।  जनता जानना चाहती है कि आखिर पचास लाख रूपए खर्च करने की जरूरत ही क्या थी।  इससे जाहिर होता है कि निगम को ठेकेदार और अधिकारियों की जुगलबन्दी  ने खोखला कर दिया है।

कांग्रेस को विकास कार्य से परहेज

                            इस मामले मे जब आयुक्त से फोन पर संपर्क का प्रयास किया उन्होने फोन नहीं उठाया। महापौर से भी सम्पर्क नहीं हो पाया। हां कुछ भाजपा पार्षद और एल्डरमैन ने जरूर बताया कि कांग्रेस का काम केवल चिल्लाना और आरोप लगाना है। उनका जनता की सुख सुविधा से कोई लेना देना नहीं है। उन्होने पिछले कार्यकाल में क्या किया…उसे देखने के बाद ही मुंह खोले। आरोप तो कोई भी लगा सकता है। दरअसल कांग्रेस की हालत खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की है। इसलिए वह घूम घूमकर खंभा तो गिन रही है। लेकिन विकास दिखाई नहीं दे रहा है। दरअसल कांग्रेस को विकास पसंद ही नहीं है।

close