रेल और यात्री सुरक्षा,आरपीएफ का मकसद–आरएस चौहान

BHASKAR MISHRA
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CSC RLYबिलासपुर— दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्य सुरक्षा आयुक्त राजबीर सिंह चौहान ने बताया कि रेलवे संपत्ती की सुरक्षा ही आरपीएफ की प्राथमिकता है। आरपीएफ और जीआरपी दोनों मिलकर रेलयात्रियों की सेवा करते हैं। इसके पहले मुझे भारत के कई जोन में काम करने का अवसर मिला। लेकिन बिलासपुर का आकर मुझे बहुत खुशी हुई। आरएस चौहान ने बताया कि चूंकि मैं छत्तीसगढ़ का ही रहने वाला हूं। इसलिए मैं प्रदेश के लोगों और उनकी समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हूं। चौहान ने पत्रकारों को समाज का सजग प्रहरी बताया। रेल और रेल यात्रियों की सुरक्षा में साथ मिलकर काम करने को कहा।

                                  पत्रकारों के सवालों का बारी बारी से जवाब देते हुए मुख्य सुरक्षा आयुक्त राजबीर सिंह चौहान ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार रेलवे अपराध में कमी आयी है। बावजूद इसके अपराध में अंकुश लगाने की सख्त जरूरत है। आरपीएफ और जीआरपी की अपराध और अपराधियों पर लगातार नजर है। आगे भी इसी तरह से हम मिलजुलकर काम करेंगे। चौहान ने बताया कि जोन में चैन पुलिंग की समस्या पर लगातार नजर रहती है। चैन पुलिंग के बाद सभी गाड़ियों का शेड्यूल प्रभावित होता है। कोयला,पाकेटमारी,उठाईगिरी,तस्करी समेत रेलवे क्षेत्र में होने वाले अपराध पर आरपीएफ ने अंकुश लगाया जरूर है। लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

              रेलवे हाईटेक होने का दावा करता है। ऐसी सूरत में रेलयात्रियों को हाईटेक सुरक्षा कब मिलेगी। मुख्य सुरक्षा आयुक्त ने बताया कि रेल मंत्रालय और भारत सरकार इसे लेकर गंभीर है। समय के साथ ऐसे कोच लाने का प्लान बनाया गया है कि डिब्बे आटोलाक हों। किसी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों की मानिटरिंग हो…इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। चौहान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश और जोन के सीमा क्षेत्रों में सर्वाधइक चोरियों की शिकायत मिलती है। अपराधी क्षेत्र का फायदा उठाकर भाग जाते हैं। हमारे लिए काफी हद तक दूसरे राज्य या सीमा में हस्तक्षेप का अधिकार है। लेकिन जीआरपी के साथ ऐसा नहीं है। यही कारण है कि जीआरपी की दूरी भी कम है।

                चौहान ने बताया कि रेलवे से कोयला चोरी और लकड़ियों की तस्करी में कमी आयी है। उन्होने बताया कि वन विभाग से सम्पर्क कर समन्यय बनाया जाएगा। लकड़ी तस्करों की धरपकड़ की जाएगी। चौहान के अनुसार लकडिया छोटे स्टेशनों से गाड़ियों में लाया जाता है। शहर पहुंचने से पहले ही उन्हें उतार लिया जाता है। चूंकि हमारे पास स्टाफ की कमी है इसलिए मौके का फायदा उठाकर लकड़ी तस्कर फरार हो जाते हैं। बावजूद इसके इन पर आने वाले समय में चौकसी रखी जाएगी।

                               क्या बिलासपुर सुरक्षा के लिहाज से सम्पूर्ण है। राजबीर सिंह ने कहा कि नहीं अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। बिलासपुर में सीसीटीवी की संख्या कम है। जल्द ही बिलासपुर स्टेशन और आस पास के क्षेत्र सीसीटीवी की जद में होंगे। रायगढ़ और शहडोल समेत कई स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने का काम तेजी से चल रहा है।

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