राष्ट्रीय राजमार्ग विकासःनए नियम से मिलेगा मुआवजा

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        रायपुर । राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के तहत भू-अर्जन प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों के विभिन्न राजस्व अनुविभागों के भू-अर्जन  अधिकारियों के लिए शनिवार को  यहां नवीन विश्राम भवन के सभाकक्ष में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव  अमिताभ जैन और सचिव (राजस्व)  के.आर.पिस्दा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस विषय पर भू-अर्जन अधिकारियों को मार्गदर्शन दिया।

प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग  अमिताभ जैन ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के तहत निर्मित होने वाली और निर्माणाधीन सड़को के साथ ही बाईपास सड़क निर्माण के लिए भू-अर्जन नवीन भू-अर्जन अधिनियम के तहत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के तहत बनने वाली  सड़कों उन्नयन कार्य और चौड़ीकरण कार्य के लिए भू-अर्जन हेतु आने वाली समस्याओं की विस्तृत चर्चा कर अधिनियम मं निहित प्रावधानों के तहत निराकरण करने के निर्देश सभी भू-अर्जन अधिकारियों को दिए। श्री जैन ने बताया कि चिल्पी- कवर्धा-सिमगा मार्ग, धमतरी से जगदलपुर मार्ग, बिलासपुर-रायगढ़ से ओड़िसा सीमा तक, बिलासपुर-कटघोरा-अंबिकापुर मार्ग, रायगढ़-सारंगढ़-सरायपाली मार्ग, अबिंकापुर-पत्थलगांव मार्ग और पत्थलगावं से जशपुर होकर झारखण्ड सीमा तक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण, उन्नयन कार्य और चौड़ीकरण कार्य कराया जाना है, इन परियोजना में से कुछ में कार्य चल रहे हैं। इन परियोजनाओं में से कुछ में बाईपास सड़क का भी निर्माण किया जाना है, जिसके लिए भू-अर्जन किया जाएगा। बाईपास सड़क के निर्माण से दूरियां कम हो जाएगी।
राजस्व विभाग के सचिव  के.आर.पिस्दा ने कार्यशाला में बताया कि भारत सरकार के भू-अर्जन अधिनियम में संशोधन हो गया है। संशोधित अधिनियम के तहत ही राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के सड़क निर्माण, उन्नयन कार्य और चौड़ीकरण के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया का पालन करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के लिए भू-अर्जन करते समय मुआवजा राशि और परिसम्पत्तियों का निर्धारण, पुनर्वास और पुनर्वास स्थल पर उपलब्ध कराई जाने वाली मूलभूत सुविधाओं का स्पष्ट उल्लेख करना सुनिश्चित करें।
सचिव राजस्व ने भू-अर्जन अधिकारियों से कहा कि भारत सरकार का भू-अर्जन अधिनियम 2013 में बना और एक जनवरी 2014 राष्ट्रीय से लागू किया जा चुका है किन्तु राजमार्ग विकास परियोजना के तहत भू-अर्जन का प्रकरण पुराने नियम के तहत पारित हो गया है, तो भी उनका मुआवजा का निर्धारण नए नियम के तहत किया जाएगा। कार्यशाला में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना भारत सरकार के अधीक्षण अभियंता  एस.के. सिंह, संयुक्त सचिव राजस्व  पी. निहलानी उपस्थित थे। कार्यशाला में लोक निर्माण विभाग (राष्ट्रीय राजमार्ग) के पूर्व मुख्य अभियंता  आर.के अग्रवाल, मुख्य अभियंता  के.के. पिपरी, अवर सचिव राजस्व  दत्ता सहित राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के अधिकारी और विभिन्न जिले से आए भू-अर्जन अधिकारी उपस्थित थे।
 

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