रायपुर-केन्द्री के बीच बनेगा एक्सप्रेस हाईवे

Shri Mi
9 Min Read

3433रायपुर।रायपुर की जनता को आज दशहरा, दीपावली और राज्योत्सव के इस मौसम में इन त्यौहारों की एक बड़ी सौगात मिली। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रस्ताव पर रेल्वे बोर्ड ने रायपुर शहर से केन्द्री के बीच नैरोगेज लाईन की 76.96 हेक्टेयर जमीन राज्य सरकार को सौंपने की सहमति प्रदान कर दी। इस जमीन पर राज्य शासन द्वारा रायपुर से माना होते हुए केन्द्री के बीच 22 किलोमीटर की सड़क बनाई जाएगी। एक्सप्रेस हाईवे के रूप में यह सौ फीट चौड़ी सड़क होगी। इसके बन जाने पर रायपुर और नया रायपुर के बीच आम जनता को सुगम यातायात की सुविधा मिलेगी।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                                                           रायपुर के लगभग पांच लाख लोगों के लिए रायपुर रेल्वे स्टेशन और माना स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट तक आना-जाना आसान हो जाएगा। समय की भी काफी बचत होगी। नया रायपुर तक यातायात अधिक सुरक्षित, अधिक सुगम और तेज हो जाएगा। मुख्यमंत्री के अथक प्रयास और लोक निर्माण, आवास और पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत द्वारा रेल मंत्रालय से लगातार चर्चा और सम्पर्क बनाए रखने के फलस्वरूप दस वर्ष पुराने इस प्रस्ताव का सिर्फ दस महीने के भीतर निराकरण हो गया।

                                                               मुख्यमंत्री डॉ. ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री सुरेश प्रभु से भी अनुरोध किया था। लगभग दो माह पहले भी नई दिल्ली में डॉ. रमन सिंह ने रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु से तीसरी मुलाकात में इसके लिए स्वीकृति जल्द प्रदान करने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने आज इस प्रस्ताव पर सहमति मिलने पर प्रधानमंत्री, रेलमंत्री और रेल्वे बोर्ड के प्रति आभार व्यक्त किया।

                                                                   बता दें कि मुख्यमंत्री विगत लगभग दस वर्षों से केन्द्र सरकार से इस जमीन की मांग कर रहे थे। इस महत्वपूर्ण सड़क के बन जाने पर रायपुर शहर के लगभग पांच लाख नागरिक रेल्वे स्टेशन और एयरपोर्ट से सीधे जुड़ जाएंगे और नया रायपुर तथा वर्तमान रायपुर शहर के बीच एक सीधी सड़क भी उन्हें उपलब्ध रहेगी। चूंकि वर्तमान में रेल्वे की एक तिहाई भूमि पर अतिक्रमण में झुग्गी बस्तियां भी बस गई हैं, इसलिए राज्य शासन द्वारा इन झुग्गीवासियों का समुचित व्यवस्थापन करने के बाद ही सड़क निर्माण किया जा सकेगा। सड़क निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम द्वारा बनाया जा रहा है।

                                                              मुख्य सचिव विवेक ढांड ने प्रस्तावित योजना को गति देने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगभग ढाई महीने पहले यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में राजधानी रायपुर के बीस केन्द्रीय कार्यालयों के प्रमुख अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें प्रस्ताव से अवगत कराया था। इन सभी केन्द्रीय कार्यालयों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एन.ओ.सी.) प्राप्त कर संभागीय रेल प्रबंधक रायपुर को उपलब्ध करा दिया गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि इस जमीन का आउटराईट ट्रांसफर छत्तीसगढ़ राज्य को करने का प्रस्ताव रेल्वे बोर्ड को भेजा जा चुका है।

                                                                   राज्य शासन ने इस जमीन की निर्धारित कीमत के लिए 139 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान करते हुए रेल मंत्रालय को राशि प्रदान करने की सहमति दी है। इसके बाद रेल मंत्रालय ने ग्राम केन्द्री के अपने रेल्वे स्टेशन में नैरोगेज लोको तथा कोच के रख-रखाव के लिए शेड और अन्य अधोसंरचना निर्माण के लिए सात करोड़ 10 लाख रूपए की मांग की गई थी। राज्य सरकार ने यह राशि भी देने की सहमति प्रदान कर दी है। राजधानी रायपुर और जिला मुख्यालय धमतरी के बीच देश की आजादी के पहले ब्रिटिश सरकार के समय से ही नैरोगेज रेल सेवा संचालित है। राजधानी रायपुर के नजदीक नया रायपुर राज्य सरकार के प्रशासनिक मुख्यालय और एक अत्याधुनिक शहर के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है।

                                                                  वर्तमान रायपुर और नये रायपुर के बीच आम जनता को सुगम रेल यातायात सुविधा दिलाने के लिए मंदिर हसौद से केन्द्री के बीच ब्रॉडगेज रेललाईन का निर्माण हो रहा है। इसका निर्माण नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) और दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। यह ब्रॉडगेज रेलमार्ग रायपुर-विशाखापट्टनम लाईन में मंदिर हसौद से जुड़ेगा। इसके बाद रायपुर शहर से केन्द्री तक 22 किलोमीटर की नैरोगेज लाईन की उपयोगिता समाप्त हो जाएगी। इसे देखते हुए राज्य शासन द्वारा इस रेलमार्ग की 76.96 हेक्टेयर जमीन की मांग रेल्वे बोर्ड से लगातार दस वर्षों से की जा रही थी, ताकि इस पर एक्सप्रेस हाईवे का निर्माण किया जा सके। वर्तमान में यह रेललाईन रायपुर शहर के बीच से गुजरती हुई रायपुर रेल्वे स्टेशन तक पहुंचती है।

                                                                 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रेल्वे को इस जमीन की कीमत देने का निर्णय पिछले वर्ष 31 अक्टूबर को मंत्रालय में आयोजित बैठक में प्रस्तुतिकरण देखने के बाद लिया था। धमतरी से केन्द्री के बीच नैरोगेज लाईन का ब्रॉडगेज में बदलने  का प्रस्ताव रेल बजट में भी शामिल कर लिया गया है। इसलिए राज्य सरकार ने रेल मंत्रालय से आग्रह किया है कि जब तक केन्द्री से धमतरी के बीच ब्रॉडगेज लाईन का कार्य पूर्ण नहीं हो जाता, तब तक नैरोगेज रेल सेवा को यथावत जारी रखा जाए,  क्योंकि इस मार्ग पर चलने वाली टेªन में प्रतिदिन हजारों लोग यात्रा करते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में किसानों, मजदूरों तथा ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों की होती है, जिन्हें रोजगार व्यवसाय के सिलसिले में इस मार्ग के गांवों से आना-जाना पड़ता है। रेल्वे बोर्ड ने रायपुर-केन्द्री के बीच 76.96 हेक्टेयर जमीन बाजार मूल्य पर देने और नैरोगेज रेल सेवा का समाप्त करने के लिए राज्य शासन से सहमति प्रदान करने की शर्त रखी थी। राज्य सरकार ने इस भूमि के मूल्य 139 करोड़ रूपए का भुगतान करने की सहमति तो प्रदान कर दी, लेकिन धमतरी से केन्द्री के बीच नैरोगेज रेल सेवा को आम जनता की सुविधा की दृष्टि से उस समय तक जब तक ब्रॉडगेज लाईन का कार्य पूर्ण नहीं हो जाता।

 

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close