बिलासपुर—हाईकोर्ट परिसर में अचेत अवस्था में रत्तू मिश्रा को पाया गया है। घटना करीब दो से ढाई बजे के बीच की है। लोगों ने देखा कि एक व्यक्ति अचेत अवस्था में परिसर में पड़ा हुआ है। मामले की खबर मिलते ही पुलिस बल भी पहुंच गयी। बताया जा रहा है कि उसके हाथ में एक लेटर भी मिला है।
हाईकोर्ट में उस समय खलबली मच गयी जिस समय परिसर में एक युवक लोगों को अचेत अवस्था में दिखाई दिया। सूचना मिलते ही आनन फानन में पुलिस की टीम भी पहुंच गयी। पहचान के बाद पुलिस को पता चला कि युवक का नाम रत्तू मिश्रा है। उस समय युवक की सांस भी चल रही थी। गंभीर स्थिति को देखते हुए रत्तू मिश्रा को अपोलो दाखिल कराया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है।
सीएसपी लखन पटले ने बताया कि रत्तू मिश्रा के हाथ में टाइप किया हुआ एक पत्र मिला है। पत्र चीफ जस्टिस के नाम लिखा गया है। पत्र में रत्तू मिश्रा ने सरकंडा पुलिस पर कई प्रकार के आरोप लगाए हैं। रत्तू मिश्रा के अनुसा्र सरकंडा क्षेत्र में किसी भी घटना के लिए उसे बेवजह परेशान किया जाता है। जब तक उसे बिना किसी आरोप के पुलिस थाने में डाल दिया जाता है। पत्र में न्यायाधीश से अपील की गयी है कि उसे बेवजह परेशान करने वाले पुलिस महकमें के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मालूम हो कि रत्तू मिश्रा का बिलासपुर शहर पुलिस समेत सरकंडा थाने में कई मामले दर्ज हैं। पुलिस रिकार्ड के अनुसार रत्तू मिश्रा क्षेत्र आदतन बदमाश है। थाने में उसके खिलाफ छेड़छाड़, मारपीट,शराबखोरी, लूटपाट के कई मामले दर्ज है।
रत्तू मिश्रा के हाथ से पत्र के अनुसार वह पुलिस से तंग आकर सुसाइड कर रहा है। जब तक पत्र न्यायाधीश को मिलेगा मैं इस दुनिया छोड़ चुका हूंगा। रत्तू ने पत्र में बताया है कि सरकंडा थाना प्रभारी अपराधियों से साठ गांठ कर झूठा आरोप तैयार करते हैं। किसी को फंसाने या बचाने के लिए ऊंचे स्तर पर लेन देन करते हैं। अपने मातहत के सहयोग से जमीन दलालों के साथ मिलकर जमीन का कारोबार और भूमाफियों के लिए काम करते हैं। विरोध करने पर मेरे खिलाफ पांच गंभीर आरोप लगाये हैं। जिसके लिए मुझे और परिवार समेत मित्रों को बैवजह आरोपी बनाया गया।
पत्र में रत्तू ने लिखा है कि थाना प्रभारी शुक्ला समेत चन्द्रकांत डहारिया, दिनेशकांत का क्षेत्र के मवालियों.जमीन दलालो,सटोरियों, गंभीर किस्म के अपराधियों से गहरे संबध हैं। उनके ही साए में सरकंडा थाना क्षेत्र के लिंगियाडीह में जमीन का गोरखधंधा चलता है। ऐसे ही एक मामले में थाने के ही अन्दर लिंगियाडीह सरपंच से मेरी बातचीत हो गयी। उस समय मैं अपनी फरियाद लिखा रहा था। सरपंच ने मुझसे मारपीट करना शुरू कर दिया। गलती नही होने के बाद भी मुझे आरोपी बनाया गया।
रत्तू मिश्रा के अनुसार एमएमएस बनाने से लेकर लूटपाट करने वालों के साथ सरकंडा पुलिस के बीच चोली दामन का साथ है।सरकंडा थाना अपराधियों का गढ़ बन चुका है। पुलिस महकमा जमीन और सट्टा पट्टी का कारोबार करता है। जब भी विरोध किया मुझ पर आरोप लगाकर थाने में बंद कर दिया गया। रत्तू के अनुसार दिनेकांत और चन्द्रकांत ने एक सटोरिया से स्टेडियम के पास पांच लाख रूपए लूटे हैं। थाना प्रभारी एस.एन शुक्ला ने अपने मित्र एसआई राजदेव मिश्रा से मिली भगत कर मुझे और मेरे दोस्त को आरोपी बनाकर जेल भेजा है।
सीएसपी पटले ने बताया कि रत्तू मिश्रा ने क्या खाया..वह क्यों बेहोश हुआ…इसकी सही जानकारी डाक्टर ही बता पाएंगे। फिलहाल उसका इलाज अपोलों में चल रहा है। हालत गंभीर बनी हुई है।