मितानिनों को देख छूटा पसीना…भीड़ के सामने प्रशासन बेबस

BHASKAR MISHRA
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IMG20170221130329 बिलासपुर— अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पहले ही महिलाओं ने प्रशासन को अपनी ताकत का अहसास करा दिया। मितानिनों की भीड़ ने कलेक्टर कार्यालय में शक्ति प्रदर्शन किया। एक समय तो ऐसा लगा कि पुलिस को महििलाओं को नियंत्रित करने लाठीचार्ज का सहारा ना लेना पड़े। लेकिन धीरे धीरे सब ठीक हो गया। महिलाओं की भीड़ इतनी थी कि कलेक्टर परिसर में केवल सिर ही सिर देखने को मिला।

             
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                       मितानीनों ने एक सुर में कहा हमें दो साल का वेतन और बोनस चाहिए। आश्वासन से घर का चूल्हा नहीं जलता। सभी मितानिनों जिला पंचायत पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया। अपनी मांग को कलेक्टर के सामने रखने की जिद ने प्रशासन को बेचैन कर दिया। काफी समझाइश के बाद मितानिनों ने सिटी मजिस्ट्रेट को पत्र थमाया। लेकिन भंयकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दीं।

                                    कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर बिल्हा और कोटा ब्लाक की मितानिनों ने जिला पंचायत पर दो साल से वेतन नहीं देने का आरोप लगाय़ा। मितानिनों की नेतृत्व कर रही फूल कुमारी पटेल ने बताया कि एक या दो महीने की बात होती तो हम बर्दास्त कर लेते । लेकिन किन जिले के सभी मितानिनों को दो साल से वेतन नहीं दिया गया है। बोनस की बात तो दूर की है।

                  दो साल से वेतन नहीं मिलने से नाराज कोटा और बिल्हा मितानिनों के पहुंचते ही कलेक्टर कार्यालय की व्यवस्था चरमरा गयी। देखते ही देखते कलेक्टर परिसर में हजारों मितानिनों की भीड़ लग गयी। परिसर के एक सिरे से लेकर दूसरे सिरे तक महिलाओं की ही भीड़ नजर आयी। मितानिनों की अगुवाई कर रही फूल कुमारी पटेल ने बताया कि मितानिनों को जिला से लेकर नगर, जनपद और पंचायत स्तर पर ठगा जा रहा है। शासन ने मितानिनों को 1500 रूपए प्रति महीने वेतन देने का वाद किया है। लेकिन किसी को भी साल 2015 नवम्बर से मार्च 2016 तक वेतन नहीं दिया गया।

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              फूल कुमारी के अनुसार अप्रैल 2016 का वेतन कुछ लोगों को दिया गया। लेकिन उसमें भी कटौती की गयी। इसके बाद मई 2016 से आज तक किसी को भी एक रूपए नहीं दिया गया। बेगारी में काम नहीं किया जासकता है। जिला,जनपद और नगर पंचायत अधिकारियों ने आश्वासन के भरोसे दो साल तक तो काम करवा लिया। लेकिन अब आश्वासन से काम  नहीं चलने वाला है।

               फूल कुमारी ने बताया कि शासन से मितानिनों को हर महीने 1500 वेतन के अलावा प्रति प्रसव और जांच के लिए तीन-तीन सौ रूपए बोनस देने का प्रावधान है। बोनस मिलना तो दूर दो साल से किसी को भी वेतन नहीं मिला है। डिलेवरी महिला को स्वास्थ्य केन्द्र तक लाने में 250 रूपए देने की बात दावा पत्र  में है। आज तक किसी को ना तो बोनस मिला और ना ही प्रोत्साहन राशि ही मिली ।

       फूल कुमारी के अनुसार जिले में कुल सात हजार मितानिन सेवाएं दे रही है। बिल्हा ब्लाक में 705 और कोटा विकासखण्ड में कुल 600 मितानिन काम करती हैं। यदि उनकी मांग को नहीं सुना गया तो प्रशासन को आने वाले समय में आज से भी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

सिटी मजिस्ट्रेट से शिकायत

 IMG20170221130425                      मितानिनों की भारी भीड़ से कलेक्टर परिसर की अव्यवस्था देखने ही लायक थी। व्यवस्था बनाने में प्रशासन को जमकर पसीना बहाना पड़ा। करीब एक घंटे तक मितानिनों ने कलेक्टर से मिलने की जिद की। सिटी मजिस्ट्रेट लकड़ा ने बताया कि कलेक्टर किसी जरूरी बैठक में हैं। अपनी शिकायत मुझसे कर सकते हैं। काफी मान मनौव्वल के बाद महिलाओं ने सिटी मजिस्ट्रेट को लिखित शिकायत की। मांग पूरी नहीं होने पर सत्तर हजार मितानिनों के साथ कलेक्टर कार्यालय घेरने का ऐलान भी किया।

महिलाओं के सामने पुलिस परेशान

                           मितानिनों की भीड़ को देखने के बाद पुलिस सकते में आ गयी। महिलाओं ने सोची समझी रणनीति के पुलिस को धोख में रख समूह में कलेक्टर परिसर में दाखिल किया। कुछ देर बाद देखते ही देखते मितानिनों की संख्या हजारों में पहुंच गयी। भीड़ को नियंत्रित करने पुलिस को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। एक समय तो ऐसा लगा कि पुलिस को व्यस्था नियंत्रित करने लाठीचार्ज ना करना पड़ जाए। लेकिन लाठी चार्ज की नौबत नहीं आयी। लाठीचार्ज की धमकी से व्यवस्था को नियंत्रित कर लिया गया।

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