भूपेश और सिंहदेव ने मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा, कहा रमन -जोगी की दोस्ती उजागर

Chief Editor
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bhupesh_index_ts रायपुर । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने एक साझा बयान में कहा है कि संत कुमार नेताम ने दबाव डालने और रिश्वत देने की कोशिश के जो आरोप लगाए हैं वे अत्यंत गंभीर हैं और इसके बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। दोनों नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस के आदिवासी नेताओं की ओर से राज्यपाल से भी अनुरोध किया गया है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह को तत्काल पद से बर्खास्त किया जाए।
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दोनों नेताओं ने कहा है कि संत कुमार नेताम पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के फर्जी आदिवासी प्रमाण पत्र मामले के प्रमुख याचिकाकर्ता और गवाह है और उन्हें प्रभावित करने की मुख्यमंत्री की कोशिश दरअसल उच्च न्यायालय में चल रहे प्रकरण को प्रभावित करने की आपराधिक कोशिश है।

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बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बीच चल रही दोस्ती का एक सबूत अंतागढ़ उपचुनाव के समय मिला था। उस चुनाव में मुख्यमंत्री, उनके नजदीकी रिश्तेदार और पूर्व मुख्यमंत्री तथा उनके बेटे ने मिलकर कांग्रेस के प्रत्याशी की खरीद फरोख्त की थी।

और अब यह मामला सामने आया है जिसमें संत कुमार नेताम ने बिलासपुर में एक पत्रवार्ता लेकर मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनके निजी सहायक ओपी गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उन्होंने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह के निजी सचिव ओपी गुप्ता ने उन्हें यह कहकर मुख्यमंत्री निवास बुलवाया था कि मुख्यमंत्री मिलना चाहते है। उनका कहना है कि वे जब मुख्यमंत्री निवास पहुंचे तो श्री गुप्ता ने उन्हें बताया कि मुख्यमंत्री उनसे इस बात पर नाराज है कि वे ( संत कुमार नेताम) जोगी के जाति के मामले को तूल दे रहे है ।

नेताम का कहना है कि गुप्ता ने उनसे दबावपूर्वक कहा कि वे श्री जोगी के जाति के मामले में अब आगे न बढ़े। नेताम का आरोप है कि ओ.पी. गुप्ता ने उन्हें मुख्यमंत्री की ओर से एक लाख रूपए की रिश्वत देने की भी कोशिश की। उन्होंने सबूत के तौर पर गुप्ता के फोन का नंबर दिया है और दावा किया है कि दो दिनों तक उन्हें लगातार फोन आया कि वे आकर मुख्यमंत्री से मिल ले एक लाख रूपए के पैकेट के बारे में उनका कहना है कि मुख्यमंत्री निवास में लगे सीसीटीवी कैमरे से इसके फुटेज भी लिए जा सकते है ।

दोनों नेताओं ने कहा है कि पहले कांग्रेस ने जब आरोप लगाए थे तो मुख्यमंत्री रमन सिंह उसे राजनीतिक आरोप कहकर खारिज करते रहे। उन्होंने अंतागढ़ के टेप को भी नकार दिया था और कहा था कि अजीत जोगी से उनकी दोस्ती नहीं है।

लेकिन अब तो संत कुमार नेताम ने आरोप लगाए हैं कि मुख्यमंत्री अजीत जोगी को बचाने की कोशिश कर रहे है। श्री नेताम भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के कार्यकारिणी सदस्य है, इससे पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता नंद कुमार साय ने भी कहा था कि अजीत जोगी के आदिवासी प्रमाण पत्र के मामले को पार्टी के भीतर से प्रभावित करने की कोशिश होती रही है।

कांग्रेस ने कहा है कि चूंकि  अजीत जोगी के आदिवासी न होने को उच्च स्तरीय समिति ने प्रमाणित कर दिया है इसलिए उन पर आगे की कार्रवाई होनी चाहिए  ।लेकिन मुख्यमंत्री रमन सिंह के दबाव में अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है, इसी की वजह से न अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है और न उनके बेटे अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर उनके चुनाव को शून्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरु हुई है ।

बयान में दोनों नेताओं ने कहा है कि अजीत जोगी पहले बरसों तक कांग्रेस के भीतर रहकर भितरघात करते रहे और मुख्यमंत्री रमन सिंह को अब भी उम्मीद है कि वे बाहर जाकर भी भाजपा की सहायता करेंगे, इसीलिए वे अजीत जोगी को बचाने की कोशिशों में लगे हुए है। अब जनता जानती है कि दोनों मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री दोनों में कैसी मित्रता है, इसलिए वह अब किसी के बहकावे में आने वाली नहीं है।

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