भावी पीढ़ी को हुनरमंद बनाने कौशल शिक्षा पर ज़ोर

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cg_shasan_logoबिलासपुर। राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हाई स्कूलों में कौशल शिक्षा प्रदान करने महत्वपूर्ण पहल की गई है। इसके तहत वर्तमान में चिन्हित 121 हाई स्कूलों में कक्षा नवमीं तथा दसवीं के छह हजार 700 विद्यार्थियों को नवीन व्यावसायिक शिक्षा का अध्ययन कराकर लाभान्वित किया जा रहा है। जिनमें सूचना प्रौद्योगिकी फुटकर व्यवसाय, आटोमोबाइल, स्वास्थ्य जांच और कृषि व्यवसाय संबंधी विषयों का अध्यापन कार्य योग्य प्रशिक्षकों द्वारा कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा राज्य में भावी पीढ़ी को हुनरमंद बनाने के लिए अधिकारियों को हाई स्कूलों में कौशल शिक्षा देने के निर्देश दिए है। उनके निर्देशों के परिपालन में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य माध्यमिक शिक्षा मिशन द्वारा यह व्यवस्था लागू की गई है। इसके सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप द्वारा लगातार समीक्षा की जा रही है।

                  राज्य माध्यमिक शिक्षा मिशन के प्रबंध संचालक मोहम्मद केसर अब्दुल हक से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में वर्ष 2014-15 के शैक्षणिक संत्र में आठ जिलों 25 हायर सेकेण्डरी स्कूलों का चयन किया गया है। इनमें चयनित हरएक स्कूल में कक्षा नवमीं और दसवीं के 50-50 विद्यार्थियों को दो ट्रेडों की अध्ययन सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इससे सभी 25 हाई स्कूलों के विद्यार्थी सूचना प्रौद्योगिकी और नौ हाई स्कूल के विद्यार्थी फुटकर व्यवसाय तथा 16 हाई स्कूल के विद्यार्थी आटोमोबाइल ट्रेड के अध्ययन से लाभान्वित हो रहे हैं। योजना की सफलता को देखते हुए चालू शैक्षणिक सत्र 2015-16 में 96 और हाईस्कूलों को जोड़कर सूचना प्रौद्योगिकीय, स्वास्थ्य जांच तथा कृषि व्यवसाय ट्रेड का अध्ययन कराया जा रहा है।

                शैक्षणिक सत्र वर्ष 2014-15 में 25 हाईस्कूलों का चयन किया गया, इनमें  बिलासपुर जिले से एक हाई स्कूल, दुर्ग जिले से तीन हाई स्कूल, जांजगीर-चाम्पा जिले से चार हाई स्कूल, कांकेर जिले से एक हाईस्कूल, कबीरधाम जिले से तीन हाई स्कूल, कोण्डागांव जिले से तीन हाई स्कूल, रायपुर जिले से पांच हाईस्कूल और सरगुजा जिले से पांच हाई स्कूल शामिल हैं।

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