बिलासपुर— अरूण जेटली के बजट को पढ़ने सुनने के बाद आप नेताओं ने निराशाजनक कहा है। आम आदमी पार्टी नेताओं के अनुसार मोदी सरकार का बजट को “बुलेट ट्रेन से बायो टायलेट” में लाने वाले वाला बताया है । नौजवानों,मजदूरों,किसानों को हतोत्साहित करने वाला बजट कहा है।
आम आदमी पार्टी नेता सरदार जसबीर सिंह ने कहा कि 2014 में केन्द्र सरकार ने देश को बुलेट ट्रेन का सपना दिखाया। इस बार बुलेट ट्रेन की स्पीड में रेल बजट गायब हो गया। साल 2017-18 के बजट प्रस्तुतिकरण के दौरान रेल बजट का हिस्सा कब आया और कब गया किसी को भनक तक नहीं लगी। मिनटों में रेल बजट को समेट दिया गया। जसीबर ने बताया कि ऐसा शायद रेल हादसे को ध्यान में रखकर किया गया। दरअसल लगातार रेल दुर्घटनाओं से मोदी सरकार घबराई हुई है। बजाय दुर्घटनाओं के किसी समाधान के ओर इशारा करने के, रेल बजट को ही छोटा कर दिया गया !
आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव नागेश बंछोर ने बजट में राजनीतिक दलों को दी गयी अघोषित दान की सीमा को 2000 रू करने के औचित्य पर सवाल उठाए । उन्होने कहा कि क्यों मोदी सरकार राजनीतिक चंदे के हर रूपये का हिसाब किताब नहीं लेना चाहती है ? क्या केन्द्र सरकार नहीं जानती कि जनता राजनीतिक चंदे की पाई-पाई का हिसाब सार्वजनिक करने के पक्ष में हैं। बंछोर ने कहा कि बेहतर होता कि राजनीतिक दल कम ज्यादा सभी चंदे का लेन देन चेक से करें। दानदाता की जानकारी चुनाव आयोग को दिये जाने के प्रावधान इस बजट में किया जाता तो सरकार की नीति और नीयत में संदेह करने का प्रश्न नहीं उठता।
आम आदमी पार्टी नेताओं ने कहा कि बजट में किसानों की परेशानियों पर कहीं भी चिंता नहीं जाहिर की गयी है। खेती के लिए विशेष प्रावधान की कमी साफ जाहिर होती है। जमीन अधिग्रहण में टैक्स छूट की विशेष केवल तेलंगाना राज्य पर लागू करने और अन्य राज्यों में लागू ना करने को अतार्किक बताया है। आम आदमी पार्टी नेताओं के अनुसार कुल मिलाकर बजट उतना ही निराशाजनक और बेसिर पैर का है जितना मोदीजी की नोटबंदी स्कीम।