बिलासपुर के साथ फिर शुरू हुई साजिश…जसबीर

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— न्यायधानी को महिला विश्वविद्यालय का तोहफा मिल सकता है। बल्कि अब तक मिल जाना चाहिए था। मंत्रियों की खींचतान में न्यायाधानी को मिलने वाला तोहफा दूसरे शहर की झोली में ना चला जाए। मानव संसाधन और यूजीसी ने पिटारा खोलकर रखा है कि सरकार बिलासपुर स्थित कन्या महाविद्यालय के लिए प्रस्ताव लेकर लाए और विश्वविद्यालय ले जाएं। लेकिन सरकार ऐसा नहीं चाह रही है। लगता है कि हमारे शहर को बिना संघर्ष के कुछ हासिल नहीं होना है। इसके लिए भी सड़क पर उतरना ही होगा। यह बाते कांग्रेस नेता जसबीर गुम्बर ने सीजी वाल से कही।

                 कांग्रेस नेता जसबीर गुम्बर ने बताया कि मुझे पुख्ता जानकारी है कि संभाग के ए ग्रेड बिलासा गर्ल्स महाविद्यालय को महिला विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए यूजीसी तैयार है। बस सरकार को इसके लिए एक प्रस्ताव देना होगा। जहां तक मुझे जानकारी है कि रमन सरकार के एक मंत्री महिला विश्वविद्यालय भिलाई ले जाना चाहते हैं। यदि ऐसा है भी तो स्थानीय मंत्री के थोड़े से प्रयास से महिला विश्वविद्यालय बिलासपुर को मिल सकता है। लेकिन स्थानीय मंत्री ऐसा बिलकुल नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सब कुछ गुपचुप तरीके से हो रहा है। बिलासपुर का हक धीरे-धीरे भिलाई की ओर जा रहा है। मंत्री अपनी दोस्ती निभा रहे हैं। इसके चलते सरकार ने भी भिलाई के लिए पैरवी करना शुरू कर दिया है।

                 जसबीर ने कहा कि नेताओं की लड़ाई में कहीं यह तोहफा बिलासपुर की छोली से न निकल जाए। इसके लिए हम लोग अपने अध्यक्ष से बातचीत करेंगे। बिलासपुर की शान के लिए यदि सड़क पर उतरने की जरूरत पड़ी तो वह भी करेंगे।

                       सीजी वाल से जसबीर ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली और यूजीसी से जैसा की जानकारी मिली है कि बिलासा कन्या महाविद्यालय को आने वाले समय में महिला विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जा सकता है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार को एक प्रस्ताव भर देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और मंत्री ने इस दिशा में बिलासपुर में महिला विश्वविद्यालय के लिए किसी भी प्रकार का  प्रयास नहीं किया है। लेकिन इसके लिए कांग्रेस सरकार पर जरूर दबाव बनाएगी।

             रायपुर और अन्य शहर के नेता महिला विश्वविद्यालय को हासिल करने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। गुम्बर ने बताया कि एचआरडी ने 800 करोड़ का पैकेज भी महिला विश्वविद्यालय के लिए तय कर लिया है। यदि हमारे मंत्री प्रयास करें तो यह तोहफा हमें हासिल हो सकता है। लेकिन उन्होंने उदासीनता का परिचाय देते हुए भिलाई के लिए महिला विश्वविद्यालय को छोड़ दिया है। जाहिर सी बात है कि बिलासपुर को एक बार फिर छले जाने की तैयारी हो गयी है।

               कांग्रेस नेता ने बताया कि हमने नहीं मांगा तो विधि महाविद्यालय रायपुर की झोली में चला गया। कभी किसी ने देखा है  कि हाईकोर्ट किसी शहर में और उसका महाविद्यालय किसी अन्य शहर में हो।  यदि जनता ने जंग किया होता तो रेल जोन की तरह विधि महाविद्यालय और आईआईटी बिलासपुर में ही होता। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। महिला विश्वविद्यालय हमारे ही शहर में आएगा।

             उन्होंने कहा कि बिलासा कन्या महाविद्यालय के पास महिला विश्वविद्यालय के लिए सबसे मुफीद स्थान है। जबकि भिलाई जबरदस्ती अपना दावा ठोंक रहा हैं। गुम्बर ने कहा कि आईआईटी रायपुर जाने से हमें  ऐतराज नहीं है लेकिन कांग्रेस महिला विश्वविद्यालय को भिलाई नहीं जाने देंगी। इसके लिए हम सरकार पर ना केवल दबाव बनाएंगे। सड़क पर मशाल लेकर चलने की जरूरत होगी तो वह भी करेंगे। लेकिन इतना तय है कि बिलासपुर के हक को रायपुर या भिलाई वालों को नहीं छीनने देंगे।

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