बलौदाबाजार रेल लाइन में गिरौदपुरी भी शामिल हो-महंत

Shri Mi
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mahant♦रेल मंत्री सुरेश प्रभु को डाॅ. महंत ने लिखा पत्र

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रायपुर।पूर्व केन्द्रीय कृषि एवं खाद्य प्रस्सकरण राज्यमंत्री डाॅ. चरणदास महंत ने कहा कि रायपुर-झारसुगडा व्हाया बलौदा बाजार रेल मार्ग 310 किलोमीटर के सर्वे और डीपीआर का काम कुछ साल में पूर्ण करने हेतु समय सीमा तय की गई है। वायबल श्रेणी के इस प्रोजेक्ट हेतु दो वर्ष के भीतर भू-अधिग्रहण कर वर्ष 2019-20 मे रेल लाईन बिछाये जाने की योजना है, परंतु प्रस्तावित रेल लाईन को देखा जाए तो इससे एक बार फिर केन्द्र का राज्य की भाजपा सरकार का अनुसूचित जाति विरोधी चेहरा उजागर होता है, बिछाई जा रही रेल लाईन से वास्तव में कुछ उद्योगों को (सीमेंट संयत्र) को भरपूर फायदा दिलाना ही इसका उद्देश्य प्रतीत होता है। दोनो सरकारे जानबूझ कर रेल लाईन को सतनामी समाज के प्रवर्तक परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास की जन्मस्थली गिरौदपुरी से जोडने की दिशा में गंभीर प्रतीत नही होती है।

                                   महंत ने कहा कि यदि अब तक इन सरकारों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी पर दृष्टिपात करे तो उक्त रेल लाईन में रायपुर से झारसुगडा के मध्य 33 रेल स्टेशन प्रस्तावित है, जो जिला कसडोल, आमाखोह, कटगी,गिधौरी, पौनी, भटगांव, सरसींवा, सारंगढ होते हुए आगे बृजराज नगर, झारसुगडा तक जायेगी जिसमें कहीं भी गिरौदपुरी धाम का उल्लेख नही है। यदि प्रस्तावित रेल लाईन से परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास की जन्मस्थली का नहीं जोडा गया तो यह पूरे सतनामी समाज के साथ अन्याय होगा।

                                      हर साल फरवरी मार्च माह में त्रि-दिवसीय मेला आयोजित किया जाता है इस मेले में प्रतिवर्ष 15 से 20 लाख श्रद्वालु दर्शन हेतु पहुंचते है। यदि रेल मार्ग में गिरौदपुरी धाम को शामिल कर लिया जाये तो निश्चित ही देश के कोने-कोने से पहुचने वाले लाखों श्रद्वालु लाभांवित होंगे। यही नही वर्ष पर गिरौदपुरी धाम में विविध धार्मिक आयोजन की वजह से प्रतिदिन सैकडों श्रद्वालुओं का आगमन होता है। जिन्हें बेहद जर्जर मार्ग का उपयोग कर गिरौध धाम पहुंचने विवश होना पडता है। 

                             महंत ने कहा कि यह सर्व विदित है कि डाॅ. रमन सरकार ने पहले सतनामी समाज के आरक्षण में कटौती कर समाज के साथ घोर अन्याय किया है। वहीं वर्तमान मंे षडयंत्र के तहत गिरौदपुरी धाम को रेल नक्शे में शामिल करने से वंचित रखा जा रहा है। प्रस्तावित रेल मार्ग मंे बलौदाबाजार जिले के प्रमुख उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाकर सरकार अपनी स्वार्थ पूर्ति करने में जुटी हुई है। रेल लाईन का ग्राम-गुमा (श्री सीमंेट), ग्राम-ढाबाडीह (इमामी सीमेंट) के समीप से प्रस्तावित किया जाना इसका पुख्ता प्रमाण है।

                             चरणदास महंत ने सुरेश प्रभु, केन्द्रीय रेल मंत्री, भारत सरकार और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ सहित देश भर के सतनामी समाज के लाखों करोडों श्रद्वालुओं के हित को ध्यान में रखतें हुए वर्तमान प्रस्तावित रेल मार्ग को परिवर्तीत कर गिरौदपुरी धाम को भी शामिल करने आवश्यक कार्यवाही किये जाने के मांग की है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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