बदलेगी हांफा शराब दुकान की जगह…धीरे धीरे खत्म होंगे ग्रामीणों के मामले

BHASKAR MISHRA

IMG20170521182903बिलासपुर—जिला पंचायत में प्रभारी जिला कलेक्टर के साथ त्रिपक्षीय वार्ता सफल नहीं तो असफल भी नहीं हुई। जिला प्रशासन, ग्रामीण और आबकारी विभाग के बीच करीब एक घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई। सभी लोगों ने निर्णय तक पहुंचने का पुरजोर प्रयास किया। प्रभारी कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने शराब दुकान बंद करने से हाथ उठा दिया। आबकारी विभाग ने दीपावली के बाद शराब दुकान का स्थान बदलने की बात कही। ग्रामीणों के विरोध के बाद तीन पक्षों ने निर्णय लिया कि तीन चार दिन के भीतर यदि जमीन और मकान मिल जाता है तो शराब दुकान के स्थान को बदलने का प्रयास किया जाएगा। प्रभारी कलेक्टर ने कहा कि कोटा एसडीएम और सकरी तहसीलदार ग्रामीणों के साथ मिलकर शराब दुकान के लिए सुरक्षित स्थान ढूंढेगे।

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               जिला पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी और प्रभारी कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य के चैम्बर में त्रिपक्षीय वार्ता शांति के साथ शुरू होकर गहमागहमी तक पहुंची। इस दौरान ग्रामीणों की तरफ से सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शर्मा,आप नेता जसबीर सिंह,अनिल सिंह बघेल,जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला,मनीष तिवारी और हांफा सरपंच विजय भौमिक ने अपनी बातों को सामने रखा। इसके पहले जिला प्रशासन की तरफ से प्रभारी कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने कहा कि शराब दुकान बंद नहीं किया जाएगा। यदि ग्रामीणों को विरोध है तो स्थान में जरूर परिवर्तन किया जा सकता है। यदि सरकारी जमीन मिल जाती है तो आबकारी विभाग दुकान बनाएगा। यदि कोई व्यक्ति अपने निजी जमीन पर दुकान बनाकर देता है तो उसे 70 हजार रूपए महीने में किराए के रूप में दिए जाएंगे।

                      जे.पी मौर्य ने कहा कि सरकारी जमीन की छानबीन एसडीएम कोटा डिलेराम डाहिरे और तहसीलदार करेंगे। पटवारी के सहयोग से सरकारी जमीन का पता लगाएंगे। ऐसी जमीन जहां ग्रामीणों का विरोध ना हो। एसडीएम कोटा डाहिरे ने कहा कि ग्रामीणों को शपथ देना होगा कि फिर दुबारा इस प्रकार का विरोध नहीं होगा। इतना सुनते ही राधेश्याम ने कहा कि यह जिम्मेदारी हमारी नहीं है। यदि शर्त थोपा गया तो ग्रामीण मुसीबत लेने को तैयार नहीं है। राधेश्याम ने प्रभारी कलेक्टर को बताया कि अधिकारियों का काम है कि वह आबकारी नीति का पालन कर शराब दुकान खोलें। अपनी मुसीबत को ग्रामीणों के सिर पर ना डालें। शर्मा ने बताया कि अधिकारी मोटी तनख्वाय किस लिए लेते हैं। जब सब काम ग्रामीणों को ही करना है।

                                    मामले को शांत करते हुए प्रभारी कलेक्टर ने कहा कि तीन चार दिन के भीतर जगह मिल जाने पर दुकान निर्माण के बाद वर्तमान जगह से दुकान हटाने का प्रयास किया जाएगा। इतना सुनते ही ग्रामीणों ने कहा कि हम लोग भी शराब दुकान हटने के बाद विरोध नहीं करने का प्रयास करेंगे।

अपराध खारिज करने पर चर्चा

                    त्रिपक्षीय बैठक में दूसरे महत्वपूर्ण बिन्दु पर भी चर्चा हुई। ग्रामीणों ने बताया कि जितना बोतल टूटा नहीं उससे कहीं ज्यादा टूटना बताया जा रहा है। इतना तो अधिकारी लोग ही तो़ड़ देते हैं। लोगों को शांत करते हुए जेपी मौर्य ने कहा कि आंदोलन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ है। मामले को धीरे धीरे कमजोर कर लिया जाएगा।आबकारी अधिकारी एल.एल.ध्रुव ने कहा कि शराब दुकान टूटने से शासन को 2 लाख रूपए का नुकसान हुआ है।

                                           ग्रामीणों ने बताया कि सरकार और जिला प्रशासन की दादागिरी से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। जिस गांव में दुकान खोला गया उसी गांव के 200 से अधिक लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। 34 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।IMG20170521182930 हम लोगों ने पहले ही दुकान खोलने का विरोध किया था। लेकिन आबकारी विभाग ने एक नहीं मानी। यदि बात मान लिया गया होता तो आबकारी विभाग के सामने नुकसान तो दूर वार्ता की नौबत ही नहीं आती। आबकारी विभाग झूठ बोलता है…। दुकान खोलने के पहले और बाद में ग्रामीणों को विश्वास में नहीं लिया गया।

                      मनीष तिवारी ने बताया कि 200 ग्रामीणों के खिलाफ 452,294,506,323,लोक संपत्ति निवारण अधिनियम की धारा 3 लगाया गया है। आखिर आबाकारी प्रशासन को गांव में शराब बेचना है तो हमें राष्ट्रद्रोही का आरोपी क्यों बनाया गया।

धीरे धीरे खत्म करेंगे आरोप

           ग्रामीणों की नाराजगी पर प्रभारी कलेक्टर ने बताया कि सभी आरोपों को धीरे धीरे वापस ले लिया जाएगा। मामला डीएम के टेबल पर है। सीधे तौर पर सभी आरोपों को वापस लेना नामुमकिन है। सरकार के सामने तीन चार बार रिपोर्ट दिया जाएगा। सरकारी वकील को कहेंगे कि पेशी की सीमा लम्बे अंतराल में करें। एक दिन सभी लोगों को आरोप मुक्त कर दिया जाएगा। प्रभारी कलेक्टर की बातों का विरोध करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम ने कहा कि धीरे धीरे जैसा कुछ नहीं होता। मैने धीरे धीरे प्रदेश के सभी जेलो का भ्रमण किया है। मामला आज भी वहीं खड़ा है। मौर्य ने कहा तीन चार पेशी के बाद जिला प्रशासन  मामले को खत्म कर देगा।

पटवारी तहसीलदार तलाशेंगे जमीन

        एसडीम कोटा डाहिरे ने बताया कि  तहसीलदार जोशी और पटवारी ग्रामीणों के साथ हांफा के आस पास जमीन तलाश करेंगे। जमीन मिलने के बाद दुकान बनाया जाएगा। इसके बाद स्थान बदला जाएगा। कोशिश होगी कि बना बनाया दुकान मिल जाए। आबकारी विभाग किराया देगा।

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