बिलासपुर।बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा 14 से 21 नवम्बर 2016 तक बाल अधिकार संरक्षण सप्ताह मनाया जा रहा है। कलेक्टर अन्बलगन पी ने आज स्थानीय जरहाभाठा स्थित आदिवासी छात्रावास में आयोजित कार्यक्रम मंे शामिल हुए।उन्होंने जिला स्तरीय क्वीज, स्लोगन एवं चित्रकला में प्रतिभागी विजयी छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र वितरण किया।कलेक्टर ने बच्चों से कहा कि हमारे देश में बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए अनेक महत्तवपूर्ण कदम उठाये गए है।
इसी कड़ी में राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिनियम 2005 लागू किया गया है। इसके तहत् बच्चों की अधिकारों की रक्षा के लिए प्रचलित कानून प्रभावी क्रियांन्वयन, बच्चों के अधिकारों को प्रभावित करने वाले आतंकवाद, हिंसा, दंगे, प्राकृतिक आपदा, एचआईवी, दुव्र्यवहार, प्रताड़ना जैसे समस्त कारणों का परीक्षण व समुचित सुधार हेतु उपाय एवं बच्चों की अधिकारांे के संरक्षण एवं जागरूकता के लिए व्यापाक प्रचार-प्रसार करना है।
कलेक्टर ने कहा कि यदि बच्चों के साथ गलत व्यवहार किसी के द्वारा किया जा रहा है तो उसका भरपूर विरोध करें। बच्चे जितना पढ़ेंगे उतना आगे बढ़ेंगे। मानसिक तौर पर तैयार रहें, जब भी मौका मिले पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम की भी जानकारी दी।
कलेक्टर ने छात्रावास परिसर में चित्रकला प्रदर्शनी की अवलोकन किया। और की बनाईड्राइंग की सराहना करते हुए कहा कि सभी बच्चों ने अच्छा बनाया है। कलेक्टर ने बच्चों से कहा कि थोड़ा अलग हटकर सोचे और उसी के अनुरूप बनाएं। देखते ही समझ मंे आना चाहिए। चित्रकला एक बेहतर कला है। लोगों को समझ में आये ऐसा चित्र बनाए।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य प्रदीप कुमार कौशिक, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग गायत्री नेताम, जिले के सभी छात्रावास अधीक्षक सहित छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।