बिलासपुर— फिल्म और नाट्य संस्थाओं के कलाकारों ने कलेक्टर से मिलकर कला और कलाकारों के हित में फिल्म विकास निगम गठन की मांग की है। कलाकारों ने कलेक्टर से बताया कि छत्तीसगढ़ी भाषा की फिल्में जनजागरण का सशक्त माध्यम हैं। छत्तीसगढी फिल्मों को प्रदेश के कोने कोने में पसंद किया जाता है। बावजूद इसके फिल्मों के विकास और कलाकारों के हितों को लेकर सरकार ने कभी सकारात्मक पहल नहीं की है।
काव्य भारती संस्था के कलाकार आनंद श्रीवास ने बताया कहा कि राज्य गठन के 16 साल बाद भी छत्तीसगढ़ कला और कलाकारों की स्थिति दयनीय है। संरक्षण के अभाव में कलाकार उपेक्षित है। सीमित संसाधनों में छत्तीसगढ़ भाषा में बनी फिल्मों ने अच्छा व्यवसाय किया है। बावजूद इसके शासन ने कभी भी स्थानीय फिल्मों और कलाकारों को प्रोत्साहन के लिए ठोस प्रयास नही किया। जिसके चलते फिल्म और नाटक से जुड़े कलाकारों की प्रतिभा कभी भी खुलकर सामने नहीं आयी। कलाकारों ने जिला प्रशासन को पत्र देकर प्रदेश सरकार से फिल्म विकास निगम की मांग की है।