नक्सलियों से निबटने राजनाथ ने बताए आठ सूत्र

Shri Mi

s20170508102086नईदिल्ली।केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सल समस्या से निपटने के लिये आठ सूत्रीय ‘समाधान’ सुझाते हुये नक्सल प्रभावित राज्य सरकारों से इसे ‘लक्ष्य की एकता’ के रूप में स्वीकार कर लागू करने का अनुरोध किया है।गृह मंत्री ने सोमवार 8 मई को नक्सल प्रभावित दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि समाधान सिद्धांत के तहत कुशल नेतृत्व, आक्रामक रणनीति, प्रोत्साहन एवं प्रशिक्षण, कारगर खुफियातंत्र, कार्ययोजना के मानक, कारगर प्रोद्यौगिकी, प्रत्येक रणनीति की कार्ययोजना और नक्सलियों के वित्तपोषण को विफल करने की रणनीति को शामिल करने की जरूरत बतायी।राजनाथ सिंह ने पिछली घटनाओं से सबक लेते हुये नक्सल विरोधी अभियानों को लागू करने में हर कदम पर आक्रामक कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया।सिंह ने कहा कि नक्सल समस्या से निपटने की नीति से रणनीति और सुरक्षा बलों की तैनाती, सड़क निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों को पूरा करने तक आक्रामक होने की जरूरत है।

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                                       सम्मेलन में पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हिस्सा लेने के लिये नहीं पहुंच सके।जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुये।

                                छत्तीसगढ़ में नक्सलरोधी अभियान में अर्धसैनिक बल के 25 जवानों की मौत के दो सप्ताह बाद आयोजित इस सम्मेलन में गृहमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि बंदूक की नोंक पर विकास बाधित करने और लोकतंत्र का गला घोंटने के प्रयास कभी सफल नहीं होंगे।’

                            केंद्रीय गृहमंत्री की ओर से नक्सली संगठनों के खिलाफ एक रणनीति के तहत शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लांग टर्म कार्ययोजना चलाए जाने की बात कही, साथ ही इन संगठनों के वित्तीय स्रोतों को बंद करने को लेकर कदम उठाने की प्रतिबद्धता जाहिर की। नक्सली समूहों पर हमले को लेकर सेटेलाइट आधारित तकनीक, आईटी और संचार के उचित उपयोग की बात दोहरायी। एंटी नक्सल आपरेशन के दौरान यूएवी, पीटीजेड कैमरा, जीपीएस, थर्मल इमेज, रडार और सैटेलाइट के उपयोग की बात कही। वामपंथी और नक्सली संगठनों से जुड़े प्रमुख लक्ष्यों को ट्रैक करने के लिए खुफिया अधिकारी नियुक्त करने की बात कही।

समाधान  [SAMADHAN]
सिंह ने कहा कि देश में वामपंथी उग्रवाद की समस्या का निदान किसी Silver Bullet से संभव नहीं है। इसका कोई Short-cut भी नहीं है। इसलिए अलग-अलग स्तरों पर Short-Term, Medium-Term और Long-Term नीतियां बनाने की जरूरत है। इस समस्‍या का समाधान तो निकालना ही होगा और इसी “SAMADHAN शब्‍द में ही strategy समाहित है। यानि  –

  1. S- Smart Leadership
  2. A- Aggressive Strategy
  3. M- Motivation and Training
  4. A- Actionable Intelligence
  5. D- Dashboard Based KPIs (Key Performance Indicators) and KRAs (Key Result Areas)
  6. H- Harnessing Technology
  7. A- Action plan for each Theatre
  8. N- No access to Financing
    Security Operations के लिए इसी नयी Docrtrine  “SAMADHAN”  को मैं elaborate करना चाहूँगा :
  1. S – Smart Leadership-

–     नेतृत्व या लीडरशिप ही किसी नतीजे को तय करती है। लीडर वह होता है जो असंभव को संभव, असफलता को सफलता और हार को जीत में तब्दील कर देता है।

–     ‘स्मार्ट लीडरशिप’ के प्रमुख गुण हैं-

Vision, Mission, Passion and Self belief

–     आत्मबल से भरपूर लीडरशिप के पास ठोस विजन होना चाहिए कि कैसे वह भविष्य की चुनौतियों को देखेगा और उसके लिए अपनी टीम को तैयार करेगा तथा अपनी टीम को अपना लक्ष्य Mission Mode पर हासिल करने के लिए ऊर्जावान बनायेगा। अपनी टीम को सुरक्षित, disciplinedऔर victorious बनाना ही, उसके लिए सर्वोपरि होना चाहिए।

–     भारत में भी कई यशस्‍वी पुलिस अधिकारियों के किस्‍से आम जन के मानस पटल पर अंकित हैं कि वे किस तरह अपनी टीम को ऊर्जा से लबरेज रखते थे। वामपंथी उग्रवाद के मोर्चें पर हमें ऐसी लीडरशिप चाहिए, जो विपरीत परिस्थतियों के बावजूद जवानों को उत्साह से भरपूर रखें और उन्हें सिर्फ जीतना सिखाए।

–     केन्द्रीय बल हों या जिला पुलिस सभी को समन्वित रणनीति और योजना के तहत काम करना होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑफिसर्स को सामने से लीड करना होगा। इस मोर्चे पर कामयाबी केवल दिल्ली, रांची या रायपुर में बैठकर ही हासिल नहीं की जा सकती।

–     वामपंथी मोर्चें पर Unified Co-Ordination तथा Command की जरूरत है। Strategic Command के साथ Operational और Tactical Level पर भी Unified Command नितांत आवश्यक है। उतना ही महत्‍वपूर्ण Intelligence sharing भी है।

  1. A-Aggressive Strategy-

–     आप अवगत है कि पिछले तीन वर्षो में Left Wing Extremism के विरूद्ध सरकार की Multi Pronged Strategy के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। वर्ष 2014 से 2016 तक के हिंसा के आंकड़े इसको दर्शाते हैं।    वर्ष-2016 में वर्ष-2015 की अपेक्षा 150 प्रतिशत अधिक Left Wing Extremists मारे गए और गिरफ्तारियों तथा आत्मसमर्पण में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

–     वर्ष-2016 में Left Wing Extremists को भारी हानि उठानी पड़ी है। इसका जिक्र उन्होंने अपने बयानों एवं दस्तावेजों में भी खुलकर किया है। यह भी सच है कि Left Wing Extremists अपने Cadres के गिरते हुए मनोबल को बढ़ाने के लिए सुरक्षा बलों पर हमले की कार्रवाई करने के लिए सतत प्रयासरत् हैं  और निःसंदेह सुकमा के बुरकापाल की घटना इसका एक उदाहरण है।

–     वर्ष-2017 में भी अभी तक के आंकड़े दर्शाते हैं कि LWE संबंधित घटनाओं में 23.3 प्रतिशत (377 से 289) की कमी आई है। लेकिन 2-3 घटनाएँ ऐसी हुई है, जिनमें सुरक्षा बलों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। अत: इन घटनाओं का विश्‍लेषण आवश्‍यक है। ऐसी घटनाएँ होती ही क्यूँ है, इसे देखने के लिए, LWE से related व्‍यवस्‍था के विषयों पर मीटिंग के पहले सत्र में चर्चा होगी।

– आज हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि क्‍या हमें घटनाओं के बाद ही react करना चाहिए? क्‍या हमारा Role Proactive नहीं होना चाहिए?

–     पुरानी घटनाओं से सीख लेते हुए हमें अपनी नीति में Agression लाने की आवश्यकता है। सोच में Agression, रणनीति में Agression, बलों की तैनाती में Agression, ऑपरेशन्स में Agression, विकास में Agression, सड़क निर्माण में Agression ।

– अत्यंत सुरक्षात्मक तैनाती से operational आक्रामकता कम हो जाती है, इसका हमें ध्यान रखना होगा।

–     हमें सोचना होगा कि वामपंथी उग्रवादियों के कैडर के surrenders के आंकड़े जरूर बढ़ रहे हैं लेकिन क्‍या इन surrendered वामपंथी उग्रवादियों से Intelligence का लाभ मिल पाया है?

–     हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि LWE के विरूद्ध राज्य operations की ownership लें, CAPFs उनका पूरा सहयोग करें। साथ ही Ground level पर बलों को Leadership का अभाव नहीं रहे। Operations की कामयाबी के लिए “Unity of Purpose” एवं “Unity of Action” नितांत आवश्यक है।

  1. M – Motivation and Training –

–     सरकार के पास वामपंथी उग्रवादि‍यों से बेहतर संसाधन है, प्रशिक्षण है, प्रौद्योगिकी है। लेकिन वामपंथी उग्रवादि‍यों की रणनीति को बेधने के लिए और बेहतर  समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।

–     इस मोर्चे पर कामयाबी सिर्फ भावनाओं से ही नहीं मिल सकती। सफलता के लिए आवश्यक है सही नजरिया, सही रणनीति, संसाधनों का कुशल उपयोग, दुश्मन की शक्ति और कमजोरियों का ज्ञान, अपने सुरक्षाबलों का प्रशिक्षण, उनकी सुविधाओं और साधनों की व्यवस्था। अत: हमें सही ढंग से बिंदुवार इन सभी विषयों पर विचार करना होगा। इसी दृष्टि से आज की बैठक महत्वपूर्ण है।

–     सुरक्षा बल जिन शिविरों में रहते हैं, उन्हें सुविधाजनक बनाना होगा, जहां बिजली, पानी,कनेक्टिविटी के साथ ही ऐसी सभी सुविधाएं हों, जहां वे तनाव रहित रह सकें और आवश्यकतानुसार घर-परिवार से सम्पर्क साध सकें।

–     पदस्थापना के स्थानों की जानकारी के साथ-साथ वहां की भाषा, बोली व परंपराओं और संस्कृति की जानकारी भी सुरक्षा बलों को होनी चाहिए ताकि वे स्थानीय परिस्थितियों में ढल सकें और स्थानीय लोगों का विश्वास अर्जित कर सकें।

–     सुरक्षा बलों में SOP के पालन की आदत डलवानी चाहिए ताकि सुरक्षा को लेकर वे स्वयं जागरूक रहे।

  1. A-Actionable Intelligence

–     Actionable Intelligence के लिए विभिन्न Intelligence एजेन्सियों एवं  सुरक्षा बलों को स्थानीय जनता के साथ अच्छा नेटवर्क विकसित करना चाहिए।

–     Surrendered वामपंथी उग्रवादियों का उपयोग सूचना एकत्र करने में अधिकाधिक होना चाहिए।

–     तेलंगाना तथा आंध्रप्रदेश की तुलना में छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में Technical Intelligence Inputs बहुत कम हैं और इसका बड़ा कारण बस्तर में सिर्फ 20 प्रतिशत प्रभावी कनेक्टिविटी का होना है। सुकमा जैसे जिले में यह केवल 4 प्रतिशत है। सम्पूर्ण LWE प्रभावित क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए Universal Service Obligation Fund (USOF) के माध्यम से विशेष कार्ययोजना बनाने कि आवश्यकता है।

–     Intelligence की दृष्टि से मैं मानता हूँ कि वामपंथी उग्रवाद से जुड़े Prominent Targets कोTrace करने के लिए Shadow Intelligence Officers को depute करने की आवश्‍यकता है।

–     Intelligence के आदान-प्रदान तथा उपयोग के लिए स्थानीय पुलिस तथा केन्द्रीय बलों के बीच निश्चित कार्यप्रणाली निर्धारित करने की आवश्यकता है।

  1. D-Dashboard based KPIs (Key Performance Indicators) एवं KRAs (Key Result Areas)

–     पुलिस तथा CAPFs में Key Performance Indicators (KPIs) तथा Key Result Areas (KRAs) का निर्धारण किया जाना चाहिए । इससे न सिर्फ किसी यूनिट की तैयारियों, उनके कार्य निष्पादन, नियमित प्रगति की समीक्षा की जा सकेगी, बल्कि प्रत्येक जवान की व्यक्तिगत क्षमताओं का आकलन भी किया जा सकेगा।

  1. H – Harnessing Technology –

–     हम सब अवगत हैं कि Technology एक Force Multiplier है।

–     Space, IT एवं Communication सहित कई Technologies ने दुनिया में बहुत क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है। कानून व्यवस्था तथा अपराध से निपटने में भी अनेक नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। LWE मोर्चे पर latest Technologies का और अधिक इस्तेमाल करने की आवश्‍यकता है।

अब मैं कुछ Cutting edge Technology के उपयोग के सम्बन्ध में कहना चाहूँगा :-

–     वर्तमान में UAV का इस्तेमाल बहुत कम हो रहा है, जिसे बढ़ाने और सही स्थान पर उपयोग करने की जरूरत है।

–     Mini UAV की उपयोगिता अधिक है। अतः Mini UAV अधिक मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हर बटालियन के साथ आवश्‍यकतानुसार UAV/Mini UAV होनी चाहिए।

–     हमें High resolution PTZ Cameras, GPS Tracking, Handheld Thermal Imaging, Radar, Satellite Image इत्‍यादि का ज्‍यादा से ज्‍यादा उपयोग करना चाहिए।

–     हम यह भी जानते हैं कि Left Wing Extremists ज्यादातर लूटे हुए हथियारों का उपयोग करते हैं, जिनको रोकने के लि‍ए हमें

–    Weapons में trackers,

–    Smart guns trigger में biometrics,

–    Shoes, BP jackets आदि में भी trackers, embed करना चाहिए,

–    इसके साथ ही Gelatine और अन्‍य explosive material में unique identification numbers का भी प्रयोग करना चाहिए।

–     राज्यों के पास इस प्रकार की अत्याधुनिक Technology के Procurement करने की विशेषज्ञता संभवतया नहीं है। यदि राज्य सरकार चाहें तो केन्द्र सरकार इसमें आपकी मदद कर सकती है।

  1. A- Action plan for each theatre-

–     आप इससे भी अवगत हैं कि विभिन्न राज्यों में वामपंथी उग्रवाद की परिस्थिति अलग-अलग है।

–     विभिन्न राज्यों में वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए एक साथ अनेक मोर्चों पर लड़ने की जरूरत है और हर मोर्चें के लिए विशिष्ट एक्शन प्लान बनाना होगा, ताकि systematic तरीके से हर मोर्चे पर सफलता प्राप्‍त कर सकें।

–     इसके लिए अलग-अलग Short-Term, Medium-Term, Long-Term रणनीतियां बनाने की जरूरत है, जिसके लक्ष्य तथा समय-सीमा स्पष्ट निर्धारित हों और Implementation Mission Mode में हो तथा सतत् अनुश्रवण के लिए Key Performance Indicators (KPIs) तथा Key Result Areas (KRAs) भी इन रणनीतियों के साथ Aligned होने चाहिए।

  1. N- No access to financing-

–     यह सर्वविदित है कि किसी भी लड़ाई या काम के लिए आर्थिक संसाधन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, क्योंकि जब धन राशि होगी, तभी तो रहने, खाने-पीने, गोला-बारूद,हथियार खरीदने का इंतजाम संभव हो पाएगा। अतः वामपंथी उग्रवादियों की financial choking इस लड़ाई का सबसे आधारभूत मंत्र हैं।

–     मैं यह याद दिलाना चाहूंगा कि 9/11 की घटना को अमेरिका ने किस तरह से चुनौती के रूप में लिया ताकि वहां वैसी घटनाओं की पुनरावृति न हो सके। इसके लिए जो 9/11 कमीशन बनाया गया था, उसकी रिपोर्ट में कहा गया कि 9/11 की घटना सिर्फ Intelligence का failure नहीं बल्कि Imagination का failure था।

–     अत: मैंने आज जिस ‘SAMADHAN’ की चर्चा की है, उसमें imagination के समावेश की बहुत संभावनाएं हैं, हमें सम्पूर्ण परिस्थितियों पर विचार कर कल्पनाशीलता से काम लेना होगा ताकि हम वामपंथी उग्रवादियों को Out Think तथा Out Manoeuvre कर सकें।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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