रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंगलवार को राज्य में कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा विभाग की बैठक में युवाओं के कौशल उन्नयन कार्यक्रमों की समीक्षा की।सीएम ने अधिकारियों को खेती और उससे संबंधित पशुपालन, उद्यानिकी, मछलीपालन जैसे क्षेत्रों में युवाओं के कौशल विकास के लिये प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये और उद्यानिकी एवं फूलों की खेती के लिये उपयुक्त जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखते हुए सरगुजा, जशपुर एवं बलरामपुर में कृषि एवं उद्यानिकी से संबंधित कौशल विकास के लिये पाठ्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होने लाईवलीहुड कॉलेजों में स्पोकन इंगलिश और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का कोर्स संचालित करने की जरूरत पर जोर दिया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय भी बैठक में उपस्थित थे।
अधिकारियों ने बैठक में बताया कि राज्य में कौशल विकास के लिये विशेष कदम भी उठाए गए हैं। प्रदेश में पिछले दो सालों में 15 हजार 278 लोगों को कार्य स्थल पर ही प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश के 15 जिलों के 2134 युवाओं को सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिेंग एवं टेक्नॉलाजी, (सीपेट) में आवासीय प्रशिक्षण दिया गया है। वर्ष 2016-17 में प्रदेश के लाईवलीहुड कॉलेजों में वर्ष 13 हजार 075 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया।
मौजूदा वित्त वर्ष में 3416 को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। लाईवलीहुड काल्ेाजों में सुरक्षा गॉर्ड, सूचना संचार प्रौद्योगिकी, मोटर-कार मरम्मत, बिजली रिपेयरिंग का प्रशिक्षण दिया गया है। केंद्र प्रवर्तित प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत 18 हजार लोगों को प्रशिक्षित करने के लिये 13 करोड़ रूपये केंद्र शासन से मिल चुका है।
बैठक में बताया गया कि राज्य में सेनाओं में भर्ती के लिये युवाओं को प्रोत्साहित किये जाने सेे वर्ष 2015-16 में 589 युवाओं एवं वर्ष 2016-17 में 305 युवाओं का थल सेना में चयन हुआ है। इसी तरह वर्ष 2016-17 में वायु सेना में 202 युवाओं का चयन हुआ है।