बिलासपुर— सरकंडा थाना क्षेत्र के छटघाट में देवरीखुर्द निवासी एक दिव्यांग युवती खून से लथपथ बेबस हालत में मिली। लोगों के सहायता से दिव्यांग युवती को सिम्स में भर्ती कराया गया। सिम्स प्रबंधन के अनुसार युवती को उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया ।
बीती रात सरकंडा थाने से चंद कदम दूर छठघाट में एक दिव्यांग युवती बेबस हालत में मिली। लोगों के अनुसार सुबह लहुलुहान पीड़िता ने अपने शरीर को घसीटकर मुख्य सड़क तक लाया। फिर 108 के सहयोग से उसे बहुत हालत में सिम्स में भर्ती कराया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार खून से लथपथ दिव्यांग युवती ने इशारों ही इशारों में जिन्दगी की गुहार लगा रही थी। पीडिता की हालत को देख लोगों ने थाने को जानकारी दी। सहायता करने वालों के अनुसार पीड़िता के शरीर और कपड़े में खून के गहरे निशान थे। चल नहीं पा रही थी। गुंगी होने के कारण इशारों में अपनी पीड़ा को जाहिर करने का प्रयास कर रही थी। लाचार आंखों से झर झर आंसू बह रहे थे।
आनन फानन में उसे सिम्स में भर्ती कराया गया। तब तक सरकंडा पुलिस और युवती के परिजन सिम्स पहुच चुके थे। मीडिया ने मामले में जानने का प्रयास किया तो परिजनों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। सरकन्डा थाना प्रभारी ने बताया कि ऐसा लग रहा था कि दिव्यांग युवती के साथ अनाचार हुआ है। लेकिन एमएलसी के अनुसार दिव्यांग से दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।
मीडिया को सिम्स की जनसंपर्क अधिकारी ने बताया की परिजनों ने युवती की जांच कराने से मना कर दिया है। इसलिए बताना मुश्किल है कि उसके साथ क्या हुआ। फिलहाल प्रारंभिक इलाज के बाद दिव्यांग युवती को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
पुलिस और सिम्स प्रबंधन के विरोधाभासी बयान से मामला उलझता हुआ दिखाई दे रहा है। इलाज के कुछ घंटे पहले तक पुलिस कुछ कह रही थी..और बाद में कुछ…। कुछ घंटे में बयान से पलटना शक को पुख्ता करता है। जबकि सिम्स प्रबंधन ने भी पहली नजर में दिव्यांग के साथ अनहोनी की बात से इंकार नहीं किया था। बाद में जांच नहीं किए जाने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया ।