रायपुर।सुकमा जिले के पास कोत्ताचेरू में सीआरपीएफ की एक टुकड़ी पर नक्सलियों द्वारा जबरदस्त हमला किया गया, जिसमें 12 जवान शहीद कर दिये गये। शहीदों को सम्मान के साथ श्रृद्धांजली अर्पित करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इस खौफनाक हिंसक घटना की निंदा करते हुये कहा है कि रमन सरकार प्रदेश में इस प्रकार के शहादत के सिलसिले को रोक पाने में पूर्व की भांति इस बार भी असहाय सिद्ध हुई। सर्चिंग पार्टी को नक्सली हमले का पूर्वाभास नहीं था और ना ही सरकार के खुफिया तंत्र को इस जघन्य कृत्य की कोई सुगबुगाहट ही प्राप्त हुई थी। जो रमन सरकार की प्रशासनिक एवं सुरक्षात्मक क्षमता की धज्जियाँ उड़ाने वाला सिद्ध हुआ है। रमन सरकार ने पूर्व की वारदातों से यदि कुछ सीखा होता तो इस जघन्य घटना को टाला जा सकता था।
जोगी ने इस बर्बर वारदात पर कहा है कि नक्सली बेखौफ होकर ऐसे जघन्य हमलों को अंजाम दे रहे हैं और रमन सरकार खौफज़दा की भूमिका में इस प्रकार की हिंसात्मक वारदातों को रोक नहीं पा रही है।जवानों पर हमलों ने यह सिद्ध कर दिया है कि नक्सली वारदातों को रोक पाना प्रदेश की भाजपा सरकार के बस में नहीं है और इस हिंसक घटना ने सरकारी बेबसी का पर्दाफाश कर दिया है। जहाँ जवान ही सुरक्षित नहीं है वहाँ की जनता का क्या हाल होगा एक प्रश्नवाचक चिन्ह बन गया है।
यह बात नागवार गुजरती है एक ओर नक्सली वारदात में शहीदों के घरों में मातम पसरा हुआ था वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी भाजपाई खेमे में चुनावी जीत पर प्रदेश सहित देशभर में ढोल-नगाड़े बज रहे थे, फटाखे फोड़े जा रहे थे और मिठाईयाँ बांटी जा रही थी। इस घटनाक्रम को क्या संज्ञा दी जाय-अजब या गजब।