जोगी ने की पोलावरम पर बहस की मांग

BHASKAR MISHRA
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AMIT JOGIबिलासपुर—-विधानसभा में मरवाही विधायक अमित जोगी ने पोलवरम परियोजना के विरुद्ध काम रोको प्रस्ताव रखा। चर्चा कराने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने  अमित जोगी को पोलवरम परियोजना पर किसी और उपयुक्त दिन चर्चा कराने का आश्वासन दिया। काम रोको प्रस्ताव सदन में प्रस्तावित करने के दौरान अमित जोगी ने कहा कि ओडिशा और तेलंगाना विधानसभाओं ने पोलवरम के विरुद्ध संकल्प पारित कर दिया है। छत्तीसगढ़ में भी सदन के समस्त सदस्यों को एकजुट होकर एक स्वर में पोलवरम परियोजना के विरुद्ध संकल्प पारित कर केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ के लोगों के हितों से अवगत कराना चाहिए। छत्तीसगढ़ के हज़ारों लोगों  की जान से ज्यादा इस सदन के लिए कुछ नहीं है। अगर सदन का हर सदस्य एक होकर विरोध करे तो छत्तीसगढ़ को डूबने से बचाया जा सकता है।

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जोगी ने कहा कि संयोगवश आज राज्य सभा में पोलवरम मुद्दा उछला। ओडिशा और तेलंगाना के सांसदों ने इसका विरोध किया। अमित जोगी ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि छत्तीसगढ़ए जिसको पोलवरम से सबसे ज्यादा नुकसान है उस सदन में आज लाये गए काम रोको  प्रस्ताव पर सत्ता और विपक्ष दोनों चुप्पी साधे हुए थे। अमित जोगी ने कहा कि हीराकुंड में बांध बना  छत्तीसगढ़ डूबा। रिहन्द में बांध बना छत्तीसगढ़ डूबा। कन्हेर में बांध बन रहा है छत्तीसगढ़ डूबेगा। पोलावरम में बांध बन रहा है छत्तीसगढ़ डुबेगा।

                           प्रदेश के लोगों खासकर बस्तरवासियों से स्पष्ट करे कि वो पोलवरम का समर्थन करते है या विरोध करते है। केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने परियोजना का विरोध किया था। 2014 में एनडीए की सरकार बनने के बाद प्रदेश सरकार ने आश्चर्यजनक रूप से चुप्पी साध ली है। पोलवरम बिल पार्लियामेंट में पास हो गया है। परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना तक घोषित कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार के सामने अब तक अपना विरोध नहीं किया।

                    अमित जोगी ने कहा कि पोलवरम परियोजना का काम अगले सप्ताह से शुरू हो रहा है। हज़ारों आदिवासी बेघर हो जाएंगे। इसलिए सदन को इस विषय पर तत्परता दिखाते हुए सत्ता और विपक्ष दोनों को चर्चा करना चाहिए।  जोगी ने बताया कि पोलवरम परियोजना से छत्तीसगढ़ के 40 गाँव और लगभग 40 हजार आदिवासी और गैर आदिवासी परिवारों को विस्‍थापन का दंश झेलना पड़ेगा। अकेले सुकमा जिले के पोलावरम बांध से प्रत्‍यक्ष रुप से 17 गांव के 85 पारा.टोला डूबान में आएंगे। इसके अलावा कई तरह के ख़नीज और वन सम्‍पदा की भी जल माधि बन जाएगी।

                     दोरला और कोया जाति की बसाहट वाले इलाके डूबान में आने से संरक्षित दोरला जाति के लोगों को भी पलायन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ऐसे में दोरला जाति की संस्कृति व सभ्‍यता भी ख़तरे में पड़ जाएगी। शबरी नदी के बैक वाटर की चपेट में पूरा सुकमा जिला होगा। इसी इलाके के भूगर्भ में बहुमूल्य खनिज जैसे ग्रेनाइटए क्वार्टज कोंरंडम और लौह अयस्क भी सदा के लिये बाँध के नीचे दब जाएँगे। नुकसान के एवज में प्रदेश को न बिजली मिलेगी न पानी।

                       अमित जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों की सबसे बड़ी पंचायतए इस सदन के सभी सदस्यों को दलगत निष्ठा से ऊपर उठकरए पोलवरम मुद्दे पर  छत्तीसगढ़ के लोगों के हित के लिए एक साथ आना होगा । ऐसे चुपचाप बैठने से कुछ नहीं होगा। सरकार का ये दायित्व बनता है कि वो छत्तीसगढ़ को डूबने न दे।

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