जीएसटी विरोध का मिला-जुला असर…व्यापारियों ने नहीं मानी चैम्बर्स की बात

BHASKAR MISHRA
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1106015_BILASPUR_YATAYAT_THANA_VISUVAL 004बिलासपुर—जीएसटी के खिलाफ देशव्यापी बंद का असर बिलासपुर में मिला जुला रहा। शहर की ज्यादातर दुकानें दिन भर खुली रहीं। कुछ व्यापारियों ने आधे मन से बंद का समर्थन किया…लेकिन दोपहर बाद दुकान खोल दिया। सदर और गोलबाजार के व्यापारियों ने बताया कि  बंद की सूचना उन्हें नहीं थी।
       बिलासपुर में जीएसटी विरोध का मिला जुला असर दिखाई देखने को मिला। चैम्बर्स आफ कामर्स ने दो दिन पहले ही बिलासपुर बंद का आह्वावान किया था। लेकिन शहर में बंद का असर बहुत अधिक नजर नहीं आया।
                             चैंबर ऑफ कामर्स के पदाधिकारी ने बताया कि जीएसटी के खिलाफ व्यापारियों ने अपनी मर्जी से दुकान बंद किया है। सभी व्यापारियों ने जीएसटी के कड़े प्रावधानों को दूर करते हुए सुधार की मांग की है। चैम्बर्स के पदाधिकारियों ने बताया कि व्यापारियों में जीएसटी को लेकर आक्रोश है। कुछ ऐसे नियम और कायदे तैयार किए गये हैं…जिसका बुरा असर आम जनता पर पड़ने वाली है। सबसे महत्वपूर्ण बात कि जीेसटी के आने से महंगाई बढ़ेगी…।
                                      गोलबाजार,बसस्टैण्ड और सदर बाजार की बडी दुकानों ने बंद का समर्थन नहीं किया। व्यापारियों ने बताया कि चैम्बर्स ऑफ कामर्स की तरफ से बंद को लेकर जानकारी नहीं दी गयी थी। चैम्बर्स ऑफ कामर्स के एक पदाधिकारी ने बताया कि दो दिन शहर के सभी व्यवसायियों को वाट्स अप और अन्य माध्यमों से जीएसटी के खिलाफ देश व्यापी बंद की जानकारी दी गयी थी। हो सकता है कि कुछ व्यापारियों को सूचना नहीं मिली। उन्होने दुकान खोला…इससे बंद पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। बंद पूरी तरह से सफल रहा।
बंद पर गुटबाजी का असर 
            नाम जाहिर ना होने पर एक बड़े व्यवसायी ने बताया कि संगठन में भारी गुटबाजी है। हमें पहले से ही मालूम था कि आंदोलन फ्लाफ शो होने वाला है। गूरूवार को एक बैठक में लोग निष्कर्ष तक नहीं पहुंचे। आंदोलन की दिशा क्या होगी…कुछ नहीं बताया गया। यही कारण है कि आधे अधूरे मन से लोगों ने आंदोलन किया। शहर के आधे से अधिक व्यवसायियों ने समय पर दुकान खोला। कुछ ने दोपहर बाद दुकान का ताला खोला।

बड़े व्यवसायियों ने बनाई दूरी

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                      मालूम हो कि एक दिन पहले गुरूवार शाम को बिलासपुर चैंबर आफ कामर्स ने बैठक का आयोजन कर जीएसटी का विरोध किय़ा था। बैठक में ज्यादातर व्यवसायियों ने जीएसटी को प्रगतिशील टैक्स सिस्टम बताया था। लेकिन जीएसटी से होने वाली परेशानियों पर व्यापारियों ने नाराजगी भी जाहिर की थी। बैठक में पदाधिकारियों ने बताया कि छोटे व्यवसायियों के पास कम्प्यूटर नही है। ना ही उन्हें कम्प्यूटर का ज्ञान है। जीएसटी आने के बाद ऐसे व्यवसायियों की दुकानें बंद हो जाएंगी।
                                         शुक्रवार को बंद के दौरान छोटे व्यवसायियों की चिंता करने वाले लोग दुकान खोलकर जीएसटी का समर्थन किया। छोटे व्यवसायियों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया।
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