नईदिल्ली।वित्त मंत्रालय ने बैंकों से कहा है कि जान बूझ कर ऋण नहीं चुकाने वाले कर्जदारों को फिर उसी परिसंपत्ति की खरीद से रोका जाना चाहिए। मंत्रालय के इस कदम से ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला कानून के तहत दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया कारगर साबित हो सकेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय को जानकारी दी गई थी कि कुछ कर्जदार जान बूझ कर दिवाला संहिता के तहत आई परिसंपत्तियां फिर खरीदने का प्रयास कर रहे हैं।कम से कम 12 खाते ऋण शोधन और दिवालिया कानून प्रक्रिया के तहत हैं। प्रत्येक खाते में पांच हजार करोड़ रूपये से अधिक का ऋण बकाया है। यह राशि कुल डूबे कर्जों का 25 प्रतिशत है। इन खातों की कुल बकाया राशि लगभग एक लाख 75 हजार करोड़ रूपये है
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