खाद्य विभाग का दावा-पी.डी.एस.दुकानों में प्लास्टिक चावल की खबरों में कोई सच्चाई नहीं

Chief Editor
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 cg_gov_logoरायपुर।राज्य सरकार के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि जांजगीर-चांपा, कोरबा और महासमुंद जिलों में पीडीएस की राशन दुकानों में प्लास्टिक चावल मिलने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। ऐसी खबरें सिर्फ अफवाह है। विभागीय अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि तीनों जिलों में संबंधित उचित मूल्य दुकानों से चावल के नमूने लिये गये और जांच करवाई गई, जिसमें प्लास्टिक के अवशेष नहीं पाये गये। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) के तहत प्रदाय किये जा रहे चावल को राईस मिलर से प्राप्त करनेे के पूर्व और उचित मूल्य दुकानों को जारी करने के पूर्व नागरिक आपूर्ति निगम के गुणवत्ता नियंत्रण अमले द्वारा चावल की गुणवत्ता की पूर्ण जांच की जाती है। इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदण्ड के अनुसार ही उपयुक्त चावल पीडीएस में दिया जा रहा है।
                         खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग की प्रयोगशाला में जांजगीर-चांपा, महासमुंद और कोरबा जिलों को आवंटित चावल के सैम्पल की जांच में किसी भी सैम्पल में प्लास्टिक चावल होने अथवा प्लास्टिक के अवशेष नहीं पाये गये है। इससे स्पष्ट है कि पीडीएस के जरियेे प्लास्टिक चावल प्रदाय की खबर तथ्यहीन और अफवाह मात्र है। इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

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                     खाद्य विभाग के संचालक डोमन सिंह ने बताया कि राज्य शासन को जांजगीर-चांपा जिले के विकासखण्ड पामगढ़ के लोहर्सी तथा अकलतरा विकासखण्ड के किरारी गांव में शासकीय स्कूलों में और नवागढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत भैंसदा एवं पामगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत ससहा की उचित मूल्य दुकानों में और दुर्ग जिले के भिलाई नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक चार की दुकान से कथित प्लास्टिक चावल के वितरण की सूचना है। इसी तरह महासमुंद जिले के सरायपाली तथा कोरबा नगर निगम क्षेत्र की एक-एक दुकान के संबंध में सूचना मिली।

                        इन सभी दुकानों से चावल का सैम्पल लेकर खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग की प्रयोगशाला में भेजा गया। लोहर्सी तथा किरारी गांव के स्कूलों में भण्डारित चावल की जांच जिला प्रशासन द्वारा कराई जा चुकी है। जिला प्रशासन के दल द्वारा इन स्कूलों के स्टाफ के समक्ष चावल पकाकर और चखकर देखा गया जिसमें प्लास्टिक होने जैसी कोई स्थिति नही पायी गई। ससहा गांव में किसानों का चावल और स्कूलों में भण्डारित पीडीएस का चावल पकाकर देखा गया। किसान के चावल में पकने के बाद कोई अंतर नही पाया गया। इन स्कूलों में पीडीएस द्वारा प्रदाय चावल से पेट दर्द अथवा स्वास्थ्य खराब होने के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। इसी तरह शासकीय उचित मूल्य दुकान भैंसदा और लोहर्सी में भण्डारित चावल के परीक्षण में गुणवत्ता सही पायी गयी।

                      संचालक खाद्य ने बताया कि जांजगीर-चांपा जिले की उचित मूल्य दुकानों क्रमशः लोहरसी से 1130, ससहा से 585 तथा किरारी से 1018 राशन कार्ड धारकों को चालू माह जुलाई का चावल प्रदाय किया गया है। इस चावल के खाने से बीमार होने अथवा प्लास्टिक होने जैसी कोई तथ्यात्मक स्थिति नही पायी गई है। इसी तरह भिलाई नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक चार में संचालित राशन दुकान से संलग्न 548 राशन कार्ड धारकों में से 423 राशन कार्ड धारकों द्वारा चावल प्राप्त किया जा चुका है। इस चावल से भी पेट दर्द अथवा स्वास्थ्य खराब होने के संबंध में कोई सूचना नही मिली है। इस दुकान के एक हितग्राही की शिकायत की जांच जिला प्रशासन द्वारा करायी जा रही है।

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