बिलासपुर—(भास्कर मिश्र)–आशीष सिंह ठाकुर की गिनती काफी धीर गंभीर कांग्रेस नेताओं में होती है। नाप-तौल कर बोलते हैं। जरूरत पड़ने पर ही मुंह खोलते हैं। पत्रकारों से अच्छे ताल्लुकात हैं। सार्वजनिक बयानयाजी से हमेशा अपने आपको दूर रखते हैं। पहली बार शायद मैने या मेरे जैसे कई पत्रकारों ने उन्हें तखतपुर में आदिवासी समाज के साथ नाचते झूमते देखा। सामान्य रूप से ऐसी स्थिति खुशियों की पराकाष्ठा पर ही दिखाई देती है। आशीष सिंह ठाकुर की खुशियां तखतपुर विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में दिखाई दी।
आदिवासी समाज के साथ लय ताल पर नाचते-झूमते आशीष की खुशियों को पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल,नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंहदेव,पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ.चरणदास महंत,पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहम्मद अखबर और जगजीत सिंह मक्कड़ समेत हजारों कार्यकर्ताओं ने देखा। आशीष सिंह की खुशियों की धमक दिन मरवाही पेन्ड्रा गौरेला तक पहुंची। तखतपुर कार्यकर्ता सम्मेलन ने अमित जोगी के नागरिक अभिनन्दन कार्यक्रम को फीका कर दिया।
दस फरवरी को अंतागढ़ टेपकाण्ड और सरकार को घेरने की कांग्रेस रणनीति को बिलासपुर में अच्छी सफलता मिली। पहली बार कुनबों में बटी कांग्रेस एक नज़र आयी। एक ही दिन में जिले में तीन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला मुख्यालय के अलावा तखतपुर और लोरमी में कद्दावर कांग्रेसी नेताओं की उपस्थिति में कार्यकर्ता एकसूत्र में दिखाई दिये। बिलासपुर में खेला गया नुक्कड़ नाटक दिन बाद तक याद किया गया। उससे कहीं ज्यादा कांग्रेस की एकता को लोगों ने महसूस किया। नेहरू चौक पर भूपेश बघेल,टीएस सिंह देव और करूणा शुक्ला ने ना केवल कार्यकर्ताओं को रिचार्ज किया। बल्कि आम जनता को भी बूस्ट-अप किया। इस दौरान पीसीसी महामंत्री अटल और जिला कांग्रेस अध्यक्षों ने जोगी के अलावा भाजपा पर जमकर निशाना साधा। लुके छिपे जोगी खेमें के कई नेता भी दिखाई दिये। लेकिन खुलकर आना उचित नहीं समझा। सभी लोग जानते हैं कि लुका छिपी भी राजनीति का एक हिस्सा है।
तखतपुर में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में उमड़ी भीड़ ने भूपेश और टीएस को रोमांचित कर दिया। मंत्री के आंगन में कांग्रेस के भव्य कार्यक्रम ने भाजपाइयों की नींद-चैन को छीन लिया। हमेशा अलग-थलग और अपने आप में मस्त रहने की पहचान से दूर आशीष सिंह को लोगों ने नए रूप में देखा। कार्यकर्ता सम्मेलन में दिग्गज नेताओं ने आशीष के लोकप्रियता को ना केवल देखा बल्कि हजारों की भीड़ में पीठ भी थपथपाई। सबसे बड़ी बात तखतपुर कार्यकर्ता सम्मेलन के मंच ने तखतपुर के राजनीति को ना केवल नई दिशा दी। बल्कि कांग्रेस को विश्वास का अमृत भी चटाया। पूर्व भाजपा नेता और विधायक जगजीत सिंह मक्कड़ के साथ नगर पालिका अध्यक्ष सुरेन्द्र कौर का कांग्रेस में प्रवेश ने भाजपा विधायक को अंदर तक हिलाकर रख दिया ।
आशीष सिंह ठाकुर का नर्तक टोली के साथ नाचना और झूमना जाहिर करता है कि कांग्रेस में अब खेमेबाजी का कोई स्थान नहीं है। आम जनता का उसे भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है। जैसा की तखतपुर में दिखाई दिया। उमड़ी भीड़ ने आश्वस्त किया कि कार्यक्रम केवल कार्यकर्ताओं की ही नहीं बल्कि आम लोगों का भी है। क्योंकि कांग्रेस का मतलब संसद होता है। इस लिहाज से तखतपुर कार्यकर्ता सम्मेलन को निश्चित तौर पर सफल कहा जा सकता है। खेमेबाजी की बात तो दूर भूपेश,टीएस सिंहदेव चरणदास महंत,रविन्द्र चौबे,मोहम्मद अखबर के होने के बावजूद केवल और केवल सोनिया और राहुल गांधी नजर आए। इसके अलावा यदि कुछ नजर आय़ा तो आशीष सिंह ठाकुर का लोकनर्तकों के साथ कदमताल और तनाव से मुक्त चेहरा । साथ ही कांग्रेस की एकीकृत तस्वीर भी लोगों के सामने उभर कर आयी। इसके पहले कार्यक्रमों में कुछ धड़े ही नज़र आते थे।
लोरमी का कार्यक्रम भी सफल रहा। दिग्गज नेताओं ने वहां भी कांग्रेस को पाया। हां पेन्ड्रा,मरवाही और गौरेला में नागरिक अभिनंदन ने अंतागढ़ टेपकाण्ड और सरकार को घेरने की योजना को प्रभावित किया। लेकिन कार्यक्रम इतना प्रभावशाली नहीं था कि भपेश को चिंतित होना पड़े। उम्मीद थी कि मरवाही में आधा दर्जन से अधिक विकायक नजर आएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। रूद्र गुरू भूपेश बघेल के साथ बिलासपुर,तखतपुर और लोरमी में नजर आए। मात्र गुंडरदेही विधायक आर.के.राय ही मरवाही विधायक को समर्थन का प्रशस्तीपत्र देने पहुंचे। रामदयाल उइके,सियाराम कौशिक,दिलीप लहरिया, चुन्नीलाल साहू,कवासी लखमा कहीं नज़र नहीं आए। यह बात अलग है कि अभिनंदन को कुछ ज्यादा ही बढ़ा चढ़ाकर बताया गया। लेकिन उस पर आशीष सिंह ठाकुर का आदिवासी लोकधुन पर थिरकना सब पर भारी पड़ा। और कांग्रेस को मिलकर झूमने के लिए विवश कर दिया।