बिलासपुर– जिला कांग्रेस ने अपने सभी विंग के साथ नगर निगम भाजपा सरकार के खिलाफ नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर कांग्रेस पार्षदों और वरिष्ठ नेताओं ने महापौर पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेसियों ने आज के दिन को धिक्कार दिवस के रूप में मनाया। निगम की कार्यप्रणाली और महापौर की गतिविधियों को नगर विकास विरोधी बताया ।
आज नगर निगम भाजपा सरकार के एक साल पूरे हो गए। इस मौके पर जिला कांग्रेस के सभी विंग ने एकजुट होकर कांग्रेसी पार्षदों के साथ नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन किया। वरिष्ठ नेताओं समेत सभी कांग्रेसियों ने महापौर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शेख गफ्फार, चन्द्रप्रकाश वाजपेयी. जसबीर गुम्बर, शहर कांग्रेस अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, कांग्रेस पार्षद प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल,निगम नेता प्रतिपक्ष शेख नजरूद्दीन,पार्षद चन्द्रप्रदीप वाजपेयी, ने कहा कि पिछले एक साल में निगम ने अपनी कार्यप्रणाली से नगर को विकास की दौड़ में दशकों पीछे धकेल दिया है। सिवरेज का काम आज तक पूरा नहीं हुआ। महापौर कहते हैं कि स्मार्ट सिटी मेरे कार्यकाल में आयी है। मेरे कार्यकाल में ही पूरा किया जाएगा। लेकिन उन्होंने आज तक सिवरेज का काम पूरा नहीं किया। भ्रष्टाचार इस हद तक है कि सिवरेज में लोहे की पाइप लगा दिया गया है।
धुआंधार भाषण देते हुए कांग्रेसियों ने कहा कि रातों रात शहर की सड़कों उखाड़ के फेंका जा रहा है। जनता सिवरेज,धूल और मंहगाई से त्रस्त है। वार्डों मे आज तक सालो से काम लम्बित हैं। निगम में 10 करोड़ का अभी तक अता पता नहीं है। कमीशन खोरी जोरों पर है। चहेते ठेकेदारों को पंजीरी बांटा जा रहा है। जनता परेशान है। महापौर को इन सब समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है।
कांग्रेसियों ने बताया कि अच्छे दिन अब हमें नहीं चाहिए । हमें तो केवल हमारा बिलासपुर चाहिए। अधिकारी भाजपा नेताओं की झोली भर रहे हैं। जब तब लूट के नाम पर नयी-नयी योजनाएं चलाइ जा रही है। जो सिर्फ किताबों तक सिमटकर रह गयी है। शहर गंदगी की ठेर पर बैठा है। लेकिन महापौर को कहीं गंदगी नहीं दिखाई दे रही हैं। कांग्रेसियों ने बताया कि शहर में जबसे भाजपा निगम में आई शहर में व्यवस्था चरमरा गई है। स्ट्रीट लाईटें रोटेशन के आधार पर जल रही है। सीवरेज को शुरू हुए आठ साल हो गए लेकिन यह काम कब खत्म होगा यह अत कहीं नहीं दिख रहा है। सफाई और पेयजल के मामले में कही भी निगम प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाया। नये महापौर के एक वर्ष के कार्यकाल में किसी नयी पहल की झलक नहीं दिखाई दी।