अब सिर्फ SDM परमिशन से ही जारी हो सकेंगे मेनुअल सर्टिफिकेट

Chief Editor
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मुख्य सचिव विवेक ढांड ने मंत्रालय में वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के जरिये सभी संभागीय कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों की बैठक लेकर लोक सेवा केेन्द्रों के माध्यम से प्रदाय की जाने वाली सेवाओं की समीक्षा की। श्री ढांड ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आय, जाति, निवास, जन्म, मृत्यु, खसरा, नक्शा, बी-वन, विवाह, भवन अनुज्ञा, नल कनेक्शन, खाद्यान पंजीयन, राशन कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस सहित विभिन्न सेवाओं के कम्प्यूटराइज प्रमाण पत्र देने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत समय और धन की बचत के उद्देश्य से डिजिटल हस्ताक्षर युक्त खसरा और बी-वन देने की व्यवस्था की गयी है। इसके लिए राज्य के पांच हजार पटवारियों को पासवर्ड और डिजिटल हस्ताक्षर जारी किया जा चुका है। उन्होंने कमिश्नरों-कलेक्टरों इस व्यवस्था की प्रगति से अवगत कराने के निर्देश दिए।

                       मुख्य सचिव ने लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा सेवाएं देने तथा मेनुअल प्रणाली बंद करें, मेनुअल प्रमाण पत्र केवल अनुभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति से ही जारी किये जाएं। बैठक में बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में अब तक 17 लाख 31 हजार सेवाएं लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से दी जा चुकी है। मुख्य सचिव ने जिलेवार लोक सेवा केन्द्रों से प्रदाय सेवाओं की समीक्षा की और कलेक्टरों को लोक सेवा केन्द्रों के अवलोकन का निर्देश दिए।

                   बैठक में सचिव सामान्य प्रशासन विकासशील, सचिव राजस्व एन.के. खाखा, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एलेक्स पाल मेनन सहित एन.आई.सी. और चिप्स के अधिकारी उपस्थित थे।

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