बिलासपुर ।छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने रायपुर के एक मामले में मोतीबाग की एक जमीन (संपत्ति) से बेदखली पर रोक लगा दी है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार से जुड़े इस मामले में हाइकोर्ट ने राज्य शासन,सहित रायपुर के कलेक्टर, तहसीलदार ,एसपी कोतवाली पुलिस और नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
इस संबँध में कोर्ट में कु. कामिनी मित्तल की ओर से पेश की गई याचिका के मुताबिक रायपुर के बी. जगन्नाथ राय बहादुर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।उन्होने मोतीबाग रायपुर की 1.25 एकड़ जमीन अपनी पुत्री ममता मित्तल के नाम कर दी थी। ममता मित्तल ने बाद में उस जमीन का कुछ हिस्सा अपनी पुत्री कु. कामिनी मित्तल के नाम कर दिया था। जिसमें बाद में उनके भाई मिमोह की भी साझेदारी हो गई। इस जमीन पर करीब 6400 वर्ग फीट पर एक मकान है और बाकी खाली जमीन रही। इस संपत्ति पर दोनों भाई-बहन का मालिकाना हक रहा और वे इसके नाम पर सारा टैक्स जमा करते रहे। बाद में नगर निगम ने इससे लगी खाली जमीन पर 85 दुकानें बनवा दीं। इससे जो जमीन बची उस पर एजाज ढेबर ने कब्जा कर लिया।याचिका में यह भी कहा गया है कि एजाज ढेबर नें उनके मकान पर भी कब्जा करने की कोशिश की और इसके लिए पेट्रोल बम के जरिए दरवाजा तोड़ने की भी कोशिश की गई ।इस दौरान कोतवाली पुलिस और प्रशासन ने भी एजाज ढेबर का साथ दिया।
इस याचिका पर सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने संपत्ति की बेदखली पर रोक लगा दी है। साथ ही मामले मे राज्य शासन, रायपुर के कलेक्टर, एसपी, तहसीलदार, कोतवाली पुलिस और नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब देने कहा है।