बिलासपुर। डा. सी वी रामन् विश्वविविद्यालय ( सीवीआरयू) कोटा के कुलसचिव ( रजिस्ट्रार ) शैलेष पाण्डेय कांग्रेस में शामिल हो गए है। सोमवार को यहां प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल की मौजूदगी में इसका ऐलान किया गया। उनके कांग्रेस में शामिल होने की औपचारिक घोषणा मंगलवार को राजधानी रायपुर में कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी बी. के. हरिप्रसाद की मौजूदगी में होगी। इस राजनैतिक घटना क्रम को बिलासपुर शहर और जिले की सियासत के लिहाज से अहम् माना जा रहा है।
जो खबरें पिछले कोई तीन -चार दिनों से आ रही थीं, उसके मद्देनजकर यह सुगबुगाहट शुरू हो गई थी कि सीवीआरयू के रजिस्ट्रार शैलेष पाण्डेय कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। सोमवार को बिलासपुर में इन अटकलों पर फुलस्टाप लग गया , जब पीसीसी चीफ भूपेश बघेल की मौजूदगी में शैलेष पाण्डेय के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले पर मुहर लग गई। खुशी और जोश के माहौल में इस फैसले का ऐलान किया गया । इस मौके पर पत्रकारों के मन में भी कई तरह के सवाल थे । जिस पर भूपेश बघेल ने अपनी बात रखी। अव्वल तो उन्होने कहा कि शैलेष पाण्डेय के आने से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। चूंकि एक पढ़ा- लिखा व्यक्ति पार्टी में शामिल हो रहा है। शैलेष पाण्डेय नेजिस तहरह पिछले काफी समय से बिलासुर के एमएलए और प्रदेश सरकार के मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा हैं, उसके मद्देनजर यह सवाल भी लाजिमी था कि कांग्रेस में आने के बाद वे क्या बिलासपुर सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे ? या फिर कोटा सीट से उन्हे मौका दिया जाएगा…… इस पर भूपेश बोले कि – शैलेष पाण्डेय कांग्रेस के सदस्य बन रहे हैं, पूरा प्रदेश उनका कार्यक्षेत्र रहेगा। जहां तक चुनाव का सवाल है – टिकट का फैसला हाइकमान के हाथ में है। समय आने पर इसका फैसला किया जाएगा। उन्हे जहां काम दिया जाएगा, वहां करेगें।
शैलेष पाण्डेय के कांग्रेस में शामिल होने का फैसला शहर और बिलासपुर जिले की राजनीति के लिहाज से अहम् माना जा रहा है। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। एक तो यह कि शैलेष पाण्डेय आने वाले विधानसभा चुनाव के करीब साल भर पहले कांग्रे,स में शामिल हुए हैं। सीवीआरयू के रजिस्ट्रार के नाते वे शहर के सामाजिक – सार्वजनिक कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेते रहे हैं। और पिछले कुछ दिनों से उन्होने शहर विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था , उससे राजनीति में सक्रिय होने की अटकले शुरू हो गईं थी। लेकिन यह साफ नहीं था कि वे किस पार्टी में जाएंगे। जो लोग शैलेष पाण्डेय को नजदीक से जानते हैं, उन्हे इस बात का अहसास है कि विधानसभा चुनाव में दावेदारी उनके निशाने पर है। अब सवाल यह है कि अगर उन्हे चुनाव में मौका दिया गया तो उनकी सीट कौन सी होगी….? इस सिलसिले में जो चर्चाएं हैं उन पर गौर करें तो बिलासपुर सीट उनकी पहली पसंद हो सकती है। लेकिन यहां से पहले भी कई दावेदारों के नाम चल रहे हैं। इस बारे में यह भी कहा जा रहा है कि शैलेष पाण्डेय को कांग्रेस में शामिल किए जाने के फैसले से पहले इसे लेकर शुरूआती बातचीत हो चुकी है और एक आपसी सहमति बनाई जा चुकी है।मुमकिन है कि इस तरह की सहमति के बाद ही उनके कांग्रेस प्रवेश को हरी झण्डी मिली हो। वैसे दूसरा विकल्प कोटा भी है। इस इलाके में युनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के रूप में वे काम करते आ रहे हैं और एक आदिवासी – वनवासी इलाके में युनिवर्सिटी की बेहतर पहचान बनाने में कामयाबी हासिल की है। इस हिसाब से कोटा सीट पर भी उन्हे आजमाया जा सकता है। फिलहाल पीसीसी चीफ ने साफ कर दिया है कि समय आने पर पार्टी हाइकमान इस पर फैसला करेगा।