बिलासपुर– डॉ.अलका रहालकर ने बताया कि बीमारियों या सामान्य परिस्थियों में होने वाले दर्द को लोग बहुत गंभीरता से नहीं लेते हैं। यह मानकर लोग चलते हैं कि बीमारी और दर्द दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। लेकिन यह भ्रम दूर होना चाहिए। क्योंकि दर्द भी एक बीमारी है। बीमारी के दौरान होने वाले दर्द का इलाज संभव है। यहां तक की कैंसर पीड़ितों को भयंकर असहनीय तकलीफ से गुजरना पड़ता है। लेकिन इलाज से दर्द का कम या दूर किया जा सकता है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ.अलका रहालकर ने बताया कि मेडिकल क्षेत्र में लगातार शोध हो रहा है। अब दुनिया मेडिकल विशेषज्ञों ने भी मान लिया है कि अन्य बीमारियों के साथ दर्द भी एक बीमारी है। ठीक उसी तरह जैसे माइग्रेन..हाथ पैर में दर्द…पुराना दर्द..कैंसर और हर्पिस से होने वाला दर्द…। ऐसे तमाम दर्द का इलाज किया जाता है।
डॉ.रहालकर ने बताया कि बीमारियों से दर्द का जन्म होता है। लेकिन शोध में सामने आया है कि दर्द से भयंकर बीमारियां होती हैं। ब्लड प्रेशर,डायबिटीज, डिप्रेशन इनमें से एक हैं। दर्द के इलाज से मरीजों को अन्य बीमारियों से काफी हद तक राहत मिलती है। दुनिया समेत भारत के बड़े शहरों मेंं आजकर पेन मेनेजमेन्ट विशेषज्ञ दर्द का इलाज प्राथमिकता से करते हैं। इसके बाद मरीजों के उपचार में आसानी होती है।
रहालकर ने बताया कि बिलासपुर में पहली बार दर्द निवारण विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में दो दिवसीय शिविर का आयोजन किया जाएगा। 31 जुलाई और एक अगस्त को डॉ.श्रवण तिरूनागरी शिविर में विशेष रूप से शामिल होंगे। मरीजों का जरूरी उपचार और मार्गदर्शन देंगे। रहालकर के अनुसार डॉ.तिरूनागरी लंदन में नामचीन अस्पतालों में पिछले दस सालों से दर्द का उपचार कर रहे हैं। उनके अनुभवों. नई विधा का लाभ ना केवल बिलासपुर मेडिकल जगत को बल्कि मरीजों को भी मिलेगा। भारत में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय समेत कई बड़े शहरों में पेन मैनेजमेंट से लोगों का इलाज किया जा रहा है। बिलासपुर में शिविर का आयोजन मगरपारा रोड स्थित नर्सिंग होम में किया जाएगा।