बिलासपुर।कुछ गिने चुने कांग्रेसी विधायकों द्वारा आज अजीत जोगी के विरुद्ध बिलासपुर के सिविल लाइन्स थाने में शिकायत को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने केवल एक ढोंग करार दिया है। पार्टी के नेतागण विधान सभा के पूर्व उपाध्यक्ष धरमजीत सिंह,विधायक सियाराम कौशिक, पूर्व विधायक चंद्रभान बारमते, पूर्व महापौर वाणी राव, पूर्व बी॰डी॰ए॰ अध्यक्ष अनिल टाह और CREDAI अध्यक्ष बृजेश साहू, पार्षद सुश्री शहज़ादी कुरेशी और सय्यद निहाल ने एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जाति के मुद्दे पर जोगी के विरुद्ध एफआरआई कराने गए कांग्रेसी विधायक और पदाधिकारी कांग्रेस भवन की जगह पहले एक अय्याशगाह क्लब में एकत्रित हुए। ये क्लब कांग्रेस के एक पदाधिकारी का है जिसने ग्राम कोनी के किसानों की जमीन हड़प कर अपना साम्राज्य खड़ा किया है। क्लब की इसी जमीन का आज सीमांकन होना था। यही कारण है कि कांग्रेस के इस पदाधिकारी ने सभी को क्लब बुलाया जहाँ खाना-पीना हुआ और इस बहाने कांग्रेसियों ने यह सुनिश्चित किया कि क्लब की जमीन का सीमांकन करने आने वाले अधिकारीयों पर भीड़ का दबाव बनाया जाए। और ठीक ऐसा ही हुआ, आखिरकार सीमांकन हुआ ही नहीं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पदचिन्हों पर चलकर कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी भी गरीब किसानों की जमीन हड़प कर बेजा कब्ज़ा जमाये बैठे हैं और शासन प्रशासन की आँखों में पट्टी बंधी है ।
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साफ़ है कि आज “अय्याशगाह के लिए जमीन कब्जाना था, जोगी की जाति तो केवल एक बहाना था”। क्लब में खा पीकर आराम करने के बाद ही जोगी पर एफआईआर करने विधायक फोटो खिंचवाने और खाना पूर्ति करने थाने गए।वहीँ विधायक राम दायल उइके को झूठा बताते हुए जकांछ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कहा कि अगर उनको ऐसा लगता था कि जोगी जी आदिवासी नहीं है तो भाजपा छोड़ कर उनके साथ क्यों आये?आज जोगी के आशीर्वाद से ही वो तीन बार से दूसरे क्षेत्र पाली-तानाखार का विधान सभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।बिलासपुर संभाग की जनता अच्छे से जानती है कि जो विधायक आज जोगी के विरुद्ध नौटंकी करने थाने गए थे वो सभी जोगी के नाम पर ही जीते हैं, बिना जोगी के किसी का कोई राजनितिक अस्तित्व ही नहीं है।