बिलासपुर— छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक ने मस्तूरी हत्याकाण्ड और बलात्कारियों को पकड़वाने में मदद करने पर पचास हजार रूपए देने का एलान किया है। डीजीपी अमरनाथ उपाध्याय ने एलान किया है कि आरोपियों को पकड़वाने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
छत्तीसगढ पुलिस महानिदेशक कार्यालय से डीजीपी अमर नाथ उपाध्याय ने मस्तूरी देवगांव हत्याकाण्ड के आरोपियों को पकड़वाने पर ईनाम देने का एलान किया है। डीजीपी कार्यालय से मामले में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्तवार्ता पुलिस मुख्यालय रायपुर,छत्तीसगढ़ रेंज के सभी आईजी, पुलिस कप्तान और निज सचिव को पत्र भेजा गया है।
पत्र में डीजीपी ने नियमों के कहा है कि अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए मस्तूरीकाण्ड के आरोपियों को पकड़वाने वालों को पचास हजार रूपए का ईनाम दिया जाएगा। डीजीपी ने कहा है कि जो भी मामले में जानकारी देगा या आरोपियों को गिरफ्तारी में करेगा। उसके नाम को गोपनीय रखा जाएगा। साथ ही ऐसे व्यक्ति को पचास हजार रूपए का ईनाम दिया जाएगा।
मालूम हो कि 6 और 7 जनवरी की दरमियानी रात देवगांव के पास अज्ञात आरोपियों ने देवगांव निवासी ममता खांडेकर की हत्या कर दी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार हत्या के पहले ममता का बलात्कार किया गया। साक्ष्य छिपाने के लिए आरोपियों ने ममता की नृशंस हत्या कर दी। इसके बाद उसे सायकल के साथ मेंड़ के नीचे फेंक दिया।
मामले में विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ आम लोगों ने धरना प्रदर्शन कर आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने का पुलिस पर दबाव बनाया। पुलिस ने स्पेशल टीम का भी गठन किया। लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। आई विवेकानन्द सिन्हा ने भी आरोपियों को पकड़वाने में मदद करने वालों के लिए ईनाम देने का एलान किया। बावजूद इसके पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली। अब डीजीपी ने आरोपियों को पकड़वाने वालों को पचास हजार रूपए ईनाम देने का एलान किया है।