अब सरकारी कर्मी एम्स सहित 90 प्राइवेट अस्पतालों में करा सकेंगे इलाज, देखें सूची

Shri Mi
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mantralay_rprरायपुर।छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के आश्रित सदस्यों को राज्य के भीतर इलाज कराने के लिए नौ नए निजी अस्पतालों को मान्यता प्रदान की गई है। अब राज्य के भीतर और बाहर इलाज कराने के लिए मान्यता प्राप्त अस्पतालों की संख्या 83 से बढ़कर 92 हो गयी है। इनमें 90 प्रायवेट अस्पताल सहित रायपुर और नईदिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के कर्मचारियों के इलाज के लिए इन अस्पतालों को एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 तक की अवधि के लिए मान्यता दी गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि राज्य शासन द्वारा इस संबंध मंे  अध्यक्ष राजस्व मंडल सहित शासन के समस्त विभागों, विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को परिपत्र में आदेश जारी कर दिया गया है।

             
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                                  इसके अंतर्गत 27 मई के परिपत्र में तीन निजी अस्पतालों मे श्री अरबिन्दो मेडिकल रिसर्च सेंटर पचपेढ़ी नाका रायपुर, रायपुर स्टोन क्लिनिक कचहरी चौक रायपुर और रायपुर हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर कचहरी चौक रायपुर को मान्यता प्रदान की गई है। इसी कड़ी में 23 जून 2017 के परिपत्र में छह निजी अस्पतालों को मान्यता दी गई है। इनमें फरिश्ता नर्सिंग होम कटोरा तालाब रायपुर, विद्या हॉस्पिटल किडनी सेंटर रायपुर, आशादीप हॉस्पिटल न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर, अपोलो डायग्नोस्टिक सेंटर रायपुर, केयर एण्ड क्योर सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल प्रताप चौक बिलासपुर और श्रीराम हॉस्पिटल नेहरू नगर बिलासपुर शामिल है। इन सभी नौ निजी अस्पतालों को भी एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 तक की अवधि के लिए मान्यता दी गई है।

                               अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन द्वारा  पिछले 29 अप्रैल  को परिपत्र जारी कर छत्तीसगढ़ राज्य में 44 निजी अस्पतालों और राज्य के बाहर 37 निजी अस्पतालों को मान्यता दी गई थी। उनके नाम इस प्रकार है- बाल गोपाल चिल्ड्रन हॉस्पिटल बैरन बाजार रायपुर, जाउलकर हॉस्पिटल कंकाली तालाब के पास रायपुर, किम्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल बिलासपुर, रायगढ़ मेट्रोकेयर हॉस्पिटल्स, धमतरी क्रिश्चियन हॉस्पिटल धमतरी, श्री मेडिशाईन हास्पिटल न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर, रामकृष्ण केयर हास्पिटल पचपेड़ी नाका रायपुर, श्री बालाजी सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल मोवा रायपुर, संजीवनी सीबीसीसी कैंसर हास्पिटल दावड़ा कॉलोनी पचपेड़ी नाका चौक रायपुर, सुयश हास्पिटल कोटा रायपुर, ओम नेत्र केन्द्र पण्डरी रायपुर, यशवंत हास्पिटल तात्यापारा रायपुर,  ओ.पी. जिंदल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर रायगढ़, विशारद् हॉस्पिटल रायपुर, आरोग्य हॉस्पिटल शंकर नगर रायपुर, वी.वाय. हॉस्पिटल कमल विहार रायपुर, श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल पचपेड़ी नाका रायपुर, स्पर्श मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, सिरसा रोड़ राम नगर भिलाई, भवानी डायग्नोस्टिक सेन्टर फाफाडीह चौक रायपुर, लाईफवर्थ सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल समता कॉलोनी रायपुर, अपोलो हॉस्पिटल सीपत रोड़ बिलासपुर, मार्क हास्पिटल ब्रिलियन्ट स्कूल कैम्पस मिशन हॉस्पिटल रोड़ बिलासपुर, मंुदड़ा हॉस्पीटल मंगला चौक बिलासपुर, एस्कार्ट हार्ट इंस्टीट्यूट एण्ड रिसर्च सेन्टर रायपुर, एम.जी.एम-आई. हॉस्पिटल विधानसभा रोड रायपुर, जैन डेन्टल केयर हॉस्पिटल आर.डी.ए. कॉम्पलेक्स न्यू राजेन्द्र नगर रायुपर, श्री बालाजी ट्रामा एण्ड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल कोरबा, अपोलो बी.एस.आर. हॉस्पिटल्स स्मृति नगर भिलाई, श्री माँ शारदा आरोग्य हॉस्पिटल रायपुर, श्री नारायणा हॉस्पिटल देेवेन्द्र नगर पंडरी रायपुर, साई बाबा नेत्रालय छोटी रेल लाईन के पास फाफाडीह रायपुर, श्री शिशु भवन ईदगाह रोड मध्यनगरी चौके के पास बिलासपुर, चन्दूलाल चन्द्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल नेहरू नगर चौक जी.ई. रोड भिलाई, कालडा कॉस्मेटिक सर्जरी इंस्टीट्युट एण्ड बर्न सेंटर जी.ई. रोड रायपुर, विवेकानंद नेत्रालय एवं रिसर्च सेंटर बूढ़ातालाब रायपुर, मित्तल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस अवंति बाई चौक पण्डरी रायपुर, नारायण ह्नदयालय एम.एम.आई. धमतरी रोड लालपुर रायपुर, ए.एस.जी. हॉस्पिटल शक्ती नगर मेन रोड रायपुर, श्री रेटीना केयर सुपर स्पेसिलिटी आई क्लिीनिक शंकर नगर रायपुर, आर.एस. पॉलीक्लिीनिक एण्ड डायग्नोस्टिक सेंटर तेलीबांधा रायपुर, ओम हॉस्पिटल महादेव घाट रायपुरा चौक रायपुर, उपाध्याय हॉस्पिटल हर्षित टावर के पास महोबा बाजार रायपुर, माता लक्ष्मी नर्सिंग होम एण्ड इन्वेस्टिगेशन सेंटर अनुपम नगर रायपुर, श्री कृष्णा हॉस्पिटल मेन रोड न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर शामिल है।

                              इसी तरह राज्य के बाहर जिन अस्पतालों को मान्यता दी गई है, उनके नाम इस प्रकार है -अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली, जी.बी.पंत हॉस्पिटल नई दिल्ली, बी.एच.यू. हॉस्पिटल वाराणसी, के.ई.एम हॉस्पिटल मुंबई, बॉम्बे हॉस्पिटल मुंबई, जसलोक हॉस्पिटल मंुबई, बी.वाय.एन.नायर हॉस्पिटल मंुबई, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई, नानावटी हॉस्पिटल मुबंई, श्री चित्रा तिरूणाल इंस्टीट्यूट चेन्नई, सी.एम.सी. वेल्लोर, निजाम इंस्टीट्यूट हैदराबाद, पंडालिया कार्डियो थोरेसिक फांउडेशन चेन्नई, शंकर नेत्रालय चेन्नई, अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई, पी.जी.आई. लखनऊ, सदर्न रेल्वे हॉस्पिटल पेरामपुर, एल.एन.टी.पी. हॉस्पिटल नई दिल्ली, एस्कार्ट हार्ट इंस्टीट्यूट नई दिल्ली, बत्रा हॉस्पिटल नई दिल्ली, अपोलो हॉस्पिटल हैदराबाद, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल दिल्ली, लीलावती हॉस्पिटल मंुबई, मेट्रो हॉस्पिटल नोएडा दिल्ली, मेडविन हॉस्पिटल हैदराबाद, सर गंगाराम हॉस्पिटल नई दिल्ली, चोइथराम हॉस्पिटल इंदौर, स्पंदन हार्ट इंस्टीट्यूट एण्ड रिसर्च सेंटर नागपुर, यशोदा हॉस्पिटल हैदराबाद, फोर्टिस एण्ड लाफ्रेस फोर्टिस हॉस्पिटल नई दिल्ली, मैक्स देवकी हार्ट एण्ड वास्कुकलर इंस्टीट्यूट सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल नई दिल्ली, मेदांता द मेडीसिटी गुड़गांव (हरियाणा), प्राईमस सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल चाणक्यपुरी नई दिल्ली, मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल इन्द्रप्रस्थ नई दिल्ली, स्योरटेक हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर नागपुर, बसवतराकम इंडो अमेरिकन केंसर हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट बंजारा हिल्स हैदराबाद, मेदांता सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल इंदौर और प्लेटिना हार्ट हॉस्पिटल सिताबुल्दी नागपुर शामिल है।

                             अधिकारियों के अनुसार शासन द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि राज्य के अंदर मान्यता प्राप्त अस्पतालों में शासकीय सेवकों और उनके परिवार के आश्रित सदस्यों का उपचार कराने के लिए संबंधित जिले के सिविल सर्जन की अनुशंसा अनिवार्य होगी। आकस्मिक परिस्थिति में इलाज प्रारंभ करने से 48 घंटे की समय-सीमा के भीतर संचालक चिकित्सा शिक्षा और संबंधित विभागाध्यक्ष को सूचित करना अनिवार्य होगा। साथ ही आकस्मिक परिस्थिति में उपचार कराये जाने संबंधी प्रकरणों में नियमानुसार कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। इसी तरह राज्य के बाहर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में उपचार कराने के लिए मरीजों को पहले चिकित्सा महाविद्यालय के रेफरल कमेटी का रेफरल प्रमाण पत्र तथा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में संबंधित रोगो की जांच/उपचार/विषय विशेषज्ञों की सुविधा उपलब्ध नही होने पर यथास्थिति संयुक्त संचालक सह अधीक्षक/उप संचालक रिफर कर सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि आकस्मिक परिस्थिति में इलाज प्रारंभ करने के 48 घंटे की समय-सीमा के भीतर संचालक चिकित्सा शिक्षा एवं संबंधित विभाग को सूचित करना अनिवार्य होगा तथा आकस्मिक परिस्थिति में उपचार कराये जाने संबंधी प्रकरणों में नियमानुसार कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।

                                परिपत्र में कहा गया है कि शासकीय सेवकों को उनके परिवार के सदस्यों की उपचार की दर सी.जी.एच.एस. योजना के तहत केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू उपचार की दरों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में उपचार कराये जाने पर इलाज तत्काल शुरू किया जाएगा और उनसे अग्रिम धन राशि के अभाव में इलाज में लापरवाही नहीं की जाएगी, इस बात पर विशेष ध्यान रखा जाए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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