बिलासपुर ( प्राण चड्ढा ) । वन्यजीवों की संख्या में इज़ाफ़ा अब दिखने लगा है, संरक्षण के कार्यो और जन संचेतना का यह सुफल है।
टाइगर डे के दिन अचानकमार टाइगर रिजर्व और WWF के आयोजन में पेश वीडियो फ़िल्म से साबित हो गया कि इस रिजर्व में कम से कम नौ टाइगर की मौजूदगी है। जिन्होंने जान जोखिम में डाल गुफा तक टाइगर की फ़िल्म बनाई उनसे मैने बात की जो विश्वसनीय लगी ।
इस बार गर्मी में बाइसन का जमावाड़ा शाम पानी के लिए हम दोस्तो ने जो सफ़ारी के दौरान “जल्दा” में देखा वो पार्क में पानी की कमी को बताता था। पर इतने बाइसन और चीतल साथ कहीं नहीं देखे थे। अचानकमार का जंगल कान्हा से बेहतर है। यहां सघन मिश्रित वन है। कान्हा में मुक्की रेज में साल बोरर बढ़ने का अंदेशा है। ये अचानकमार में नही दिखता। कान्हा देश का पुराना रिजर्व है और अचानकमार उसके सामने कल का। पर इसमें सम्भवना काफी हैं जो आकर ले रही हैं।
कान्हा और अचानकमार करीब सौ किमी के कॉरिडोर से जुड़ा है। माना जाता है इस गलियारे से परस्पर टाइगर आते जाते रहे है। अब इनब्रीडिंग से वन्यजीवों को बचाने इस गलियारे को और बेहतर बनाना होगा। अचानकमार के सिहावल में ‘ग्रे हेडेड फिश ईगल’ का डेरा रहा। छतीसगढ़ में हम दोस्तों की टीम ने इस ईगल को फॉटो रिकॉर्ड किया।
अभी अचानकमार में18 गांव विस्थापित होना है। बीच से जाने वाली सड़क बन्द होने के कारण बाइसन और चीतल सड़क के किनारे दिखने लगे हैं।वन्य जीव और पक्षी बढ़े हैं। इसका प्रमाण मिल रहा है। गर्मी में पैराडाइज़ फ्लाई कैचर के बाद अब हरियल, टर्टल डव, भी शहर के करीब मंगला गाँव में रिकार्ड हुए हैं। पर ये एक मुकाम है। मंजिल दूर है। सतत् समन्वित प्रयास और बढ़ाये जाएं तो जो कुछ गंवाया है उसकी भरपाई होगी।
अचानकमार का जंगल कान्हा से बेहतर, बढ़ रही जानवरों की संख्या
Join Our WhatsApp Group Join Now